नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुधवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के नवीनीकरण पर 45 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए. पार्टी ने आरोप लगाया कि इतनी बड़ी राशि आप संस्थापक के वैचारिक 'परिवर्तन' की ओर इशारा करती है क्योंकि राजनीति में आने से पहले वह ईमानदारी को बढ़ावा देने की बात करते थे. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को ‘महाराजा’ करार दिया और कहा ‘‘यहां तक कि राजा भी केजरीवाल को उनके आवास में 'बेहतर' उत्पादों के चयन और ‘विलासिता और आराम की लालसा’ के लिए नमन करेंगे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल ने खबर को उजागर नहीं करने के लिए मीडिया घरानों को 20 करोड़ रुपये से 50 करोड़ रुपये की पेशकश की, लेकिन समाचार चैनलों और समाचार पत्रों ने इस पेशकश को नजरअंदाज कर दिया.
पात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि आवास के लिए खरीदे गए आठ नए पर्दों में से एक की कीमत 7.94 लाख रुपये से अधिक है, जबकि सबसे सस्ता पर्दा 3.57 लाख रुपये का है. दस्तावेजों का हवाला देते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि 1.15 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के मार्बल वियतनाम से लाए गए थे, जबकि चार करोड़ रुपये पूर्व निर्मित लकड़ी की दीवारों पर खर्च किए गए थे. उन्होंने दिल्ली विधानसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर केजरीवाल के हालिया हमले के स्पष्ट जवाब में कहा कि यह एक ऐसे राजा की कहानी है जो ‘बेशर्म’ है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह केवल आवास के नवीनीकरण के बारे में नहीं है, बल्कि आम आदमी पार्टी की विचारधारा और उसके नेताओं की मानसिकता के बारे में भी है. संवाददाता सम्मेलन में पात्रा ने केजरीवाल द्वारा राजनीति में अपने शुरुआती दिनों के दौरान दिए गए भाषणों के अंश सुनाये जिनमें उन्हें बड़े घरानों और सत्ता में बैठे नेताओं को दी जाने वाली अन्य सुविधाओं के खिलाफ बोलते हुए सुना जा सकता था. केजरीवाल को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उनके पास चार-पांच कमरों का घर है और उन्हें इससे बड़े घर की जरूरत नहीं है. पात्रा ने आप संयोजक से संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से सभी सवालों के जवाब देने को कहा. भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल के बंगले के ‘‘सौंदर्यीकरण’’ पर 45 करोड़ रुपये ऐसे समय में खर्च किए गए जब दिल्ली कोविड-19 से जूझ रही थी.
सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल को अपने उस नैतिक अधिकार के बारे में दिल्ली के लोगों को जवाब देना चाहिए, जिसके तहत उन्होंने अपने बंगले के सौंदर्यीकरण पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च किए, जब कोविड के दौर में अधिकतर सार्वजनिक विकास कार्य ठप थे. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह स्थापित हो गया है कि केजरीवाल एक घर में नहीं बल्कि एक ‘‘शीश महल’’ में रहते हैं . उन्होंने मुख्यमंत्री से ‘‘नैतिक आधार पर’’ इस्तीफा देने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि सितंबर, 2020 से दिसंबर, 2021 तक 16 महीने की अवधि में कोविड चरम पर था, जब औद्योगिक गतिविधियां ठप थीं और दिल्ली सरकार का राजस्व आधे से भी कम हो गया था और सरकार ने धन की कमी का हवाला देते हुए विकास परियोजनाओं को रोक दिया था. सचदेवा ने आरोप लगाया, ‘‘उस नाजुक दौर में केजरीवाल ने अपने घर की साजसज्जा पर करीब 45 करोड़ रुपये उड़ाये, जो उनकी संवेदनहीनता का बड़ा सबूत है. दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल की 'सादगी और ईमानदारी' बेनकाब हो गई है और उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए. सोर्स- भाषा