मुंबई: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने शनिवार को कहा कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) का 2023-24 का बजट ठेकेदारों के हित में है और यह मुंबई के वित्तीय दिवालियापन का मार्ग प्रशस्त करेगा. जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे मुंबई के लोगों के हित में करार दिया है.
आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने भी 52,619 करोड़ रुपये के बजट की आलोचना की है, जिसे बीएमसी के प्रमुख एवं प्रशासक इकबाल सिंह चहल ने पेश किया था. आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया कि असंवैधानिक राज्य सरकार और प्रशासक द्वारा शासित बीएमसी छह महीने से नैतिक और कानूनी दिवालियापन दिखा रही है. आज का बीएमसी बजट दिखाता है कि इसने मुंबई के वित्तीय दिवालियापन का मार्ग प्रशस्त करना शुरू कर दिया है. पिछले मार्च में पार्षदों का कार्यकाल समाप्त होने तक, शिवसेना ने दो दशकों से अधिक समय तक बीएमसी पर शासन किया था.
सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाया था:
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी जून 2022 में एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद विभाजित हो गई, जिन्होंने राज्य में सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाया था. बीएमसी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शनिवार को 52,619.07 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. बीएमसी ने पहली बार 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया है. इस बार पेश किया गया बजट 2022-23 के 45,949 करोड़ रुपये के मुकाबले 14.52 प्रतिशत अधिक है.
स्थानीय निकाय का प्रशासक नियुक्त किया था:
यह बजट बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल के समक्ष पेश किया गया, जिन्हें पार्षदों का पांच साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पिछले साल मार्च में राज्य सरकार ने स्थानीय निकाय का प्रशासक नियुक्त किया था. बजट दस्तावेजों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुमानित इस बजट में 52,619.07 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है, जो 2022-23 के बजटीय अनुमान 45,949.21 करोड़ रुपये से 14.52 प्रतिशत अधिक है. गौरतलब है कि इस साल बीएमसी चुनाव होने की उम्मीद है. सोर्स-भाषा