ऑकलैंड: न्यूजीलैंड के पूर्व स्पिनर जॉन ब्रेसवेल का मानना है कि करिश्माई बल्लेबाज डेवोन कॉनवे को पिछली गलतियों से सीखते रहने और अपनी बल्लेबाजी तकनीक में तेजी से सुधार करने की ‘केन विलियमसन की लत’ लग गई है. न्यूजीलैंड की टीम में देरी से 29 साल की उम्र में जगह बनाने वाले कॉनवे ने 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट पदार्पण पर दोहरा शतक जड़ा था और सबसे लंबे प्रारूप में ऐसा करने वाले केवल सातवें बल्लेबाज बन गए.
अब 31 बरस के कॉनवे ने अपने दूसरे इंडियन प्रीमियर लीग सत्र में चेन्नई सुपरकिंग्स की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाते हुए छह अर्धशतक की मदद से 51 से अधिक की औसत से 672 रन बनाए और इस दौरान नाबाद 92 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा.रुतुराज गायकवाड़ के साथ उनकी पहले विकेट की साझेदारियों ने सुपरकिंग्स के रिकॉर्ड बराबर करने वाले पांचवें आईपीएल खिताब की नींव रखी. शुभमन गिल और फाफ डुप्लेसी के बाद वह ऑरेंज कैप की दौड़ में तीसरे स्थान पर रहे.
न्यूजीलैंड के लिए 41 टेस्ट में 102 विकेट चटकाने और 1000 से अधिक रन बनाने वाले ब्रेसवेल ने एसईएन रेडियो से कहा कि मुझे लगता है कि वह तीनों प्रारूपों में सामंजस्य बैठाने और कौशल के मामले में पूरी तरह से जादूगर है.उन्होंने कहा कि जिस तरह से वह हर समय बेहतर क्रिकेटर बनता जा रहा है, वह मुझे पसंद है. उसने लगातार सीखने की केन विलियमसन की लत पकड़ ली है. वह ऐसा व्यक्ति नहीं है जो बैठा रहे और प्रतिभावान होने पर निर्भर रहे. कॉनवे ने अब तक 1212 टेस्ट, 508 वनडे और 632 टी20 अंतरराष्ट्रीय रन बनाए हैं. सोर्स भाषा