ब्रिटेन : पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सांसद पद छोड़ा

लंदन : ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को संसद की सदस्यता से अचानक इस्तीफा देकर पूरे देश को चौंका दिया. उन्होंने एक संसदीय समिति के इस बयान के बाद यह कदम उठाया कि जॉनसन द्वारा अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में कोविड-19 की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन का उल्लंघन कर ‘10 डाउनिंग स्ट्रीट’ (प्रधानमंत्री आवास) में पार्टियां आयोजित करने के मुद्दे पर संसद को भ्रमित करने के मामले में प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. जॉनसन (58) इस मामले में एक संसदीय समिति की जांच का सामना कर रहे हैं. समिति इस बात का पता लगा रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान 10 डाउनिंग स्ट्रीट में लॉकडाउन से जुड़े नियम तोड़कर जिन पार्टियों का आयोजन किया. क्या उन्हें लेकर उन्होंने निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ को गुमराह किया.

अभी तक कोई सबूत नहीं- जॉनसन

जॉनसन का फैसला शुक्रवार को तब आया. जब उन्हें संसद की विशेषाधिकार समिति से इस महत्वपूर्ण मामले में एक गोपनीय पत्र मिला. जॉनसन ने संसदीय समिति की इस जांच को ‘‘उन्हें संसद से बाहर निकालने का प्रयास’’ करार दिया. जॉनसन ने एक बयान में कहा, समिति ने इस संबंध में अभी तक एक भी सबूत पेश नहीं किया है कि मैंने जानबूझकर या लापरवाही से हाउस ऑफ कॉमन्स को गुमराह किया. 

रिपोर्ट त्रुटियों और पूर्वाग्रहों से भरी हुई है-

इससे पहले, शुक्रवार को उन्हें जांच समिति की रिपोर्ट की एक प्रति मिली जो अभी प्रकाशित नहीं की गई है. जॉनसन ने दावा किया कि यह रिपोर्ट ‘‘त्रुटियों और पूर्वाग्रहों से भरी हुई’’ है. मार्च में विशेषाधिकार समिति को सौंपे गए साक्ष्य में जॉनसन ने संसद को गुमराह करने की बात स्वीकार की थी लेकिन उन्होंने जानबूझकर ऐसा करने से इनकार किया था. पूर्व प्रधानमंत्री ने माना था कि पार्टी में जुटी भीड़ ने “सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन नहीं किया था. उन्होंने कहा कि पार्टी का आयोजन ‘‘आवश्यक’’ कार्यक्रम के तहत हुआ था और दावा किया कि इसके लिए पूर्व अनुमति ली गई थी. 

जॉनसन ने जोर देकर कहा कि उन्होंने अपने विवेक के अनुसार हमेशा दिशा-निर्देशों का पालन किया है. पूर्व प्रधानमंत्री ने सांसद पद छोड़ने की घोषणा करते हुए एक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने कहा, ‘‘मैंने झूठ नहीं बोला और मुझे विश्वास है कि समिति यह बात जानती है. वह अच्छी तरह से जानती है कि जब मैंने हाउस ऑफ कॉमन्स में बात की थी तो मैं वही कह रहा था. जिसे मैं ईमानदारी से सच मानता था और जो मुझे किसी भी अन्य मंत्री की तरह कहने के लिए कहा गया था.