जयपुरः CAA को लेकर जारी की गई नोटिफिकेशन के बद देश के गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी. शाह ने कहा कि CAA पर विपक्ष झूठी राजनीति कर रहा है. CAA कभी वापस नहीं लिया जाएगा. CAA नागरिकता देने वाला कानून है. हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है. हम इस पर कभी समझौता नहीं करेंगे. घोषणा पत्र में CAA का वादा किया था. भाजपा के लिए यह राजनीति का मुद्दा नहीं है. ये शरणार्थियों को न्याय देने का मुद्दा है. मोदी की हर गारंटी पूरी होने वाली है.
पीएम मोदी ने कहा वो पत्थर की लकीरः
विपक्ष कहता है कि भाजपा एक नया वोट बैंक बना रही है. विपक्ष के पास और कोई काम नहीं है. उनका इतिहास है जो बोलते हैं वो करते नहीं है. विपक्ष के पास और कोई काम नहीं है. उन्होंने यहां तक कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक,एयर स्ट्राइक में राजनीतिक लाभ था. तो क्या हमें आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? यह भी कहा कि 370 को हटाना भी हमारे राजनीतिक लाभ के लिए था. हम 1950 से कह रहे हैं कि हम धारा 370 हटा देंगे. उनका इतिहास है जो बोलते हैं करते नहीं हैं. मोदी जी का इतिहास है जो बीजेपी या पीएम मोदी ने कहा वो पत्थर की लकीर है. मोदी जी की हर गारंटी पूरी होती है.
बीजेपी बंगाल में जल्द सत्ता में आएगी नजरः
CAA पर ममता बनर्जी के बयान पर को लेकर शाह ने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब बीजेपी बंगाल में सत्ता में आएगी और घुसपैठ रोकेगी. अगर आप इस तरह की राजनीति करते है. और इतने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दे के साथ आप तुष्टीकरण की राजनीति करके घुसपैठ की अनुमति देते हैं. और इसका विरोध करते है. शरणार्थियों को नागरिकता नहीं मिलेगी तो लोग आपके साथ नहीं रहेंगे. ममता बनर्जी को शरण लेने वाले और घुसपैठिए में अंतर नहीं पता है.
केजरीवाल अपना धैर्य खो बैठेः
भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद केजरीवाल अपना धैर्य खो बैठे हैं. उन्हें नहीं पता कि ये सभी लोग पहले ही भारत में रह रहे है. अगर उन्हें इतनी ही चिंता है तो बात क्यों नहीं करते बांग्लादेशी घुसपैठियों के बारे में या रोहिंग्याओं का विरोध? वह वोट बैंक की राजनीति कर रहे है. वह विभाजन की पृष्ठभूमि भूल गए है. और उन्हें शरणार्थी परिवारों से मिलना चाहिए.
CAA इस देश का कानूनः
शाह ने कहा कि ओवैसी,राहुल,केजरीवाल,ममता बनर्जी सहित सभी झूठ की राजनीति कर रहे है. समय का कोई सवाल ही नहीं है. बीजेपी ने 2019 में अपने घोषणापत्र में कहा था कि वह CAA लाएगी. और अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए शरणार्थियों को नागरिकता देगी. 2019 में यह संसद द्वारा पारित किया गया था. लेकिन कोविड के कारण इसमें देरी हुई. विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति करना चाहता है. और अपने वोट बैंक को मजबूत करना चाहता है. वे बेनकाब हो गए हैं और देश के लोग जानते हैं कि CAA इस देश का कानून. मैं पिछले 4 साल में 41 बार कह चुका हूं कि इसे चुनाव से पहले लागू किया जाएगा.
अल्पसंख्यकों या किसी अन्य व्यक्ति को डरने की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि CAA में किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है. CAA केवल हिंदुओं, बौद्धों को अधिकार और नागरिकता देने के लिए है. अफगानिस्तान,बांग्लादेश,पाकिस्तान से आए जैन, सिख, ईसाई और पारसी शरणार्थी के लिए है.
कांग्रेस ने कभी अपना वादा पूरा नहीं कियाः
आप इस कानून को अलग करके नहीं देख सकते है. 1947 में धर्म के आधार पर बंटवारा हुआ था. उस वक्त कांग्रेस नेताओं ने कहा था. कि पलायन करने वाले लोग कभी भी वापस आ सकते थे. लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति के कारण कांग्रेस ने कभी अपना वादा पूरा नहीं किया है