कोच्चि: हाल ही में दो जंगली हाथियों को पकड़ने के खिलाफ केरल उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई. हाथी राज्य के पलक्कड़ तथा वायनाड जिलों में रिहाइशी इलाकों में घुस गए थे और जिससे स्थानीय लोगों में डर का माहौल था. याचिका में वन विभाग की कार्रवाई को अवैध बताया गया है.
गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘एनिमल लीगल फोर्स इंटीग्रेशन’ के महासचिव एंजेल्स नायर द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि दो हाथियों को पकड़ना और बाद में दिया जाने वाला प्रशिक्षण ‘अवैध’ है, क्योंकि हाथियों को बेहोश कर जंगल के अंदर से पकड़ा गया. उन्होंने सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी से इसकी जांच कराने की मांग की है. उन्होंने पिछले कुछ महीनों में वायनाड जिले से चार बाघों को पकड़ने का भी विरोध किया था. याचिका में दावा किया गया कि दिशानिर्देशों और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 का उल्लंघन कर बाघों को कैद में रखा जा रहा है.
इंसानों और पालतू पशुओं को बाघों द्वारा निशाना बनाए जाने के कई मामलों के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में दहशत थी. बाद में वन्यजीव और वन विभाग द्वारा इन बाघों को पकड़ा गया. नायर ने अपनी याचिका में कहा है कि पकड़े गए दोनों हाथियों को अवैध रूप से ‘कुम्की’ बनने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. ‘कुम्की’ अन्य हाथियों को फंसाने और पकड़ने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हाथी को कहते हैं. सोर्स- भाषा