VIDEO: हाल ए कांग्रेस संगठन ! पिछले 4 साल से भंग पड़े प्रकोष्ठ और विभाग, राजस्थान कांग्रेस के पास नहीं प्रदेश कोषाध्यक्ष, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: पांच सीटों के विधानसभा उपचुनाव सिर पर है और कांग्रेस संगठन बेजार है. खासतौर से अग्रिम संगठन सेवादल को छोड़कर भंग पड़े है या फिर निष्क्रिय है. वहीं राजस्थान कांग्रेस में लंबे समय से प्रदेश कोषाध्यक्ष का पद भी खाली पड़ा है. वहीं कुछ पीसीसी पदाधिकारी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़कर चले गए थे. साथ ही कुछ को छोड़कर अधिकतर प्रकोष्ठ और विभाग भी पिछले चार से भंग पड़े है. 

विपक्ष के तौर पर कांग्रेस विधायकों के संख्याबल के हिसाब से सदन में तो मजबूती से मुद्दें उठा रही है. लेकिन सड़कों पर संघर्ष की बात करें तो कमजोर संगठन के चलते पार्टी की गतिविधियां प्रभावित हो रही है. ऊपर से लेकर नीचले लेवल तक कांग्रेस का संगठन फिलहाल निष्क्रिय पड़ा है. यह हालात तब है जब जल्द पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने है. मैन पीसीसी के साथ अग्रिम संगठन भी अलग-थलग पड़े है.

प्रकोष्ठ और विभाग भंग-
सचिन पायलट की बगावत के दौरान से ही कांग्रेस के प्रकोष्ठ और विभाग पिछले चार साल से भंग पड़े है. ताज्जुब की बात है कि उनके गठन के बिना ही विधानसभा और लोकसभा चुनाव भी हो गए. अब कब गठन होगा,इसका कोई अता पता नहीं है.

अग्रिम संगठन- 
सेवादल को छोड़कर बाकी अग्रिम संगठनों की भी स्थिति बुरी है. दिसम्बर से ही महिला कांग्रेस कार्यकारिणी भंग पड़ी है. पिछले माह एनएसयूआई की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया था. वहीं यूथ कांग्रेस ने निष्क्रिय पदाधिकारियों की छुट्टी करने का फैसला लिया है. निष्क्रिय पदाधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी-
मैन पीसीसी कार्यकारिणी में कई पदाधिकारी निष्क्रिय है. करीब डेढ दर्जन पदाधिकारी तो विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़कर ही चले गए. जिसमें प्रदेश सचिव औऱ महासचिव जैसे पदाधिकारी शामिल थे. वहीं फंड का मैनेजमेंट देखने के लिए पार्टी में प्रदेश कोषाध्क्ष का पद सीताराम अग्रवाल के बीजेपी में चले जाने के बाद ही खाली पड़ा है.

गठन के बजाय पिछले दिनों पार्टी ने निष्क्रियता के पैमाने पर कईं  ब्लॉक औऱ मंडल अध्यक्ष हटा दिए. कांग्रेस नेताओं का दावा है कि फिलहाल हर स्तर पर निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाने की कवायद जारी है. उसके बाद नए सिरे से संगठन को मजबूत करने की एक्सरसाइज शुरु होगी. पार्टी का यह भी दावा है कि अगस्त और सितम्बर माह में नीचे से लेकर ऊपर तक संगठन नए कलेवर में सामने आएगा. लेकिन अभी तक तो कह सकते है कि संगठन के चुस्त औऱ दुरुसत के मामले में कांग्रेस फिसड्डी ही साबित हो रही है.