वैशाख पूर्णिमा पर प्रदेश में वन्यजीवों की गणना शुरू, वाटर होल पद्धति से किया जाएगा संख्या का आकलन

वैशाख पूर्णिमा पर प्रदेश में वन्यजीवों की गणना शुरू, वाटर होल पद्धति से किया जाएगा संख्या का आकलन

जयपुरः वैशाख पूर्णिमा पर आज वन्यजीव गणना शुरू हो गई है. इसके तहत 23 और 24 मई को वाटर होल पद्धति से बाघ-बघेरे व दूसरे वन्यजीवों की संख्या का आकलन किया जाएगा. आज सुबह 8 बजे से कल सुबह 8 बजे तक 24 घंटे गणना होगी. 

गणना से पूर्व 2 दिन पूर्व अभ्यास,प्रशिक्षण करवाया गया. इसके बाद अब आज मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पीके उपाध्याय की मॉनिटरिंग में गणना शुरू कर दी गई है. जहां बाघ-बघेरे व दूसरे वन्यजीवों की संख्या का आकलन किया जाएगा. 

झालाना लेपर्ड रिजर्व में 12 वाटर पॉइंट पर मचान बनाए गए है. गलता क्षेत्र में 7 मचान,सूरजपोल में 4,झोटवाड़ा,गोनेर व मुहाना में 1-1 मचान बनाए गए है. मातृशक्ति मचान पर बैठकर वन्यजीवों की गणना करेंगी. जयपुर प्रादेशिक रेंज क्षेत्र में कुल 26 मचान है. इनमें 26 वनकर्मी और 26 स्वयंसेवक  मचान पर रहेंगे. 5 महिला वनकर्मी और 5 महिला स्वयंसेवक भी गणना में मचान पर मौजूद रहेंगी. 

जयपुर प्रादेशिक रेंज के झालाना,गलता,सूरज बोल, झोटवाड़ा, गोनेर और मुहाना में वन्य जीव गणना होगी. झालाना में वनपाल नरेंद्र गुर्जर,सहायक वनपाल राज किशोर योगी,राजवती मीना भागीरथ कुमावत, हरफूल मीना, मांगीलाल शर्मा, पूजा शर्मा, बिंदु खान, मनीष डोई, लक्ष्मण वर्मा कौशल्या, रामचंद्र सांवरिया, छाजूराम, यशपाल शर्मा, विकास मीणा, बजरंग गुर्जर, सीता चौधरी हेतराम गुर्जर, मंगल गुर्जर, मोहनलाल शर्मा, कैलाश चंद प्रजापत, कालूराम, कैलाश चंद्र शर्मा शोभा कंवर, कमोद, दयाल और राजेश जाजोरिया मचान पर रहेंगे. 

बता दें कि पिछले वर्ष बे मौसम बारिश के चलते नहीं वाटर होल पद्धति से वन्य जीव गणना हो पाई थी. ऐसे में इस बार वन्यजीवों की गणना को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. वाटर होल पद्धति से वन्य जीव गणना से ही वन्यजीवों की संख्या के वास्तविक आंकड़े मिल पाएंगे.