नेवटा बांध जैसी कार्रवाई की चंदलाई बांध में भी दरकार, आखिर कब JDA, जल संसाधन विभाग और अन्य जिम्मेदार एजेंसियां करेंगी कार्रवाई? देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: जयपुर के नेवटा बांध के पानी को जहरीला करने वाली फैक्ट्रियों के खिलाफ तो कार्रवाई की गई, लेकिन चंदलाई बांध का गला घोट रहे अतिक्रमणों के खिलाफ जेडीए, जल संसाधन विभाग और समस्त जिम्मेदार एजेंसियां आखिर कब कार्रवाई करेंगी. यह तो तब है जब चंदलाई बांध के अस्तित्व को बचाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) बहुत सख्त है और दूसरी तरफ सरकारी जांच में यह साबित भी हो गया कि बांध के कैचमेंट एरिया में कब्जे की नीयत से ग्राम पंचायत ने अवैध पट्टे जारी किए. 

जानिए, क्या है पूरा मामला: 
जयपुर के नेवटा बांध में हाल ही जेडीए,जल संसाधन विभाग और पुलिस ने मिलकर 20 फैक्ट्रियों को ध्वस्त किया था. ये फैक्ट्रियां कैमिकल छोड़कर नेवटा बांध के पानी को जहरीला कर रहीं थी. इसी तरह  राजधानी से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित प्राचीन चंदलाई बांध के कैचमेंट एरिया पर कब्जा करने की लंबे समय से कवायद चल रही है. बांध के कैचमेंट एरिया में शामिल खसरा नंबर 1208, 1209, 1210, 1221 व 1222 की पांच बीघा भूमि पर स्थानीय ग्राम पंचायत ने नियमों को ताक पर रखते हुए अवैध रूप से 27 आवासीय पट्टे जारी  कर दिए. यह मामला करीब सवा साल पहले ही उजागर हो गया था. इसके बाद सरकारी जांच में यह साबित भी हो गया कि ये पट्टे अवैध रूप से जारी किए गए हैं. इसके बावजूद इन फर्जी पट्टों के आधार पर किए अतिक्रमणों को हटाने के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है. आपको बताते हैं कि आखिर चंदलाई बांध को अतिक्रमण मुक्त करना क्यों जरूरी है? चंदलाई बांध का अस्तिव मानव जीवन और पर्यावरण के लिए क्यों है जरूरी?

चंदलाई झील का महत्व: 
-इस झील के पानी से आस-पास के दो दर्जन से अधिक गांवों में खेती होती है
-इन गांवों में झील का पानी कई नहरों से होते हुए पहुंचता है
-एक अनुमान के मुताबिक इस झील के चारों तरफ करीब 20 हजार बीघा कृषि भूमि की सिंचाई होती है
-झील के पानी से गेहूं,सरसों व विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाई जा रही है
-इसके अलावा यह झील प्रवासी पक्षियों का पसंदीदा स्थान है
-यहां विभिन्न प्रजातियों के हजारों प्रवासी और स्थानीय पक्षी यहां आते हैं
-इनमें लिटिल कॉरमॉरेंट,ग्रीन सेंडपाइपर,पर्पल मूरहेन,लिटिल ग्रेब,ग्रेटर फ्लेमिंगो,
-स्पॉट बिल्ड डक,यूरेशियन विगियोन,स्पोटेड रेंड शेंक व व्हाइट वेगटेल प्रजाति के प्रवासी पक्षी शामिल है
-ये प्रवासी पक्षी अक्टूबर से मार्च के बीच चंदलाई झील आते हैं
-इन पक्षियों के कारण शहर और शहर के बाहर कई पक्षी प्रेमी यहां आते हैं
-इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग इस झील के सौन्दर्यन को देखने आते हैं

चंदलाई बांध पर फर्जी पट्टों के आधार पर कब्जे का खेल करीब सवा साल पहले ही उजागर हो गया था. इसके बावजूद अब तक बांध के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण कायम हैं. बताते हैं कि अब तक मामले में क्या कार्यवाही हुई, किस तरह जांच में साबित हुआ कि पट्टे फर्जी तौर पर जारी किए गए थे और किस तरह मामले में उदासीनता बरती जा रही है.

कैसे हुआ खुलासा और क्या कार्रवाई हुई ?:
-वर्ष 2018-19 में इन पांचों खसरों की कुल पांच बीघा जमीन के भू माफिया ने ग्राम पंचायत से मिलीभगत कर 27 आवासीय पट्टे जारी करा लिए
-मामला उजागर होने के बाद जेडीए के जोन की ओर से प्रवर्तन शाखा को रिपोर्ट भेजी गई
-जेडीए के जोन की रिपोर्ट में सामने आया कि यह पांच बीघा जमीन तो जेडीए की खातेदारी में दर्ज है
-जेडीए ने 6 मई 2024 को चाकसू पंचायत समिति के विकास अधिकारी को पत्र लिखा
-जेडीए ने पत्र लिखकर पंचायत समिति से पूछा कि ग्राम पंचायत की ओर से पट्टे जारी किए गए अथवा नहीं?
-और अगर जारी किए गए हैं तो किस नियम के तहत ये पट्टे जारी किए गए?
-जेडीए ने इस पत्र में विकास अधिकारी को जल्द से जल्द रिपोर्ट भेजने के लिए कहा था
-लेकिन जवाब नहीं आने पर जेडीए ने दुबारा इस वर्ष 24 जनवरी को फिर से विकास अधिकारी को पत्र लिखकर जवाब तलब किया
-लेकिन काफी समय समय बीतने के बावजूद विकास अधिकारी ने जब कोई जवाब नहीं दिया तो
-फिर जेडीए की ओर से जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखा गया
-इसके बाद  पंचायत समिति चाकसू की ओर से पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई
-जांच कमेटी ने माना ग्राम पंचायत ने नियम विरूद्ध फर्जी तरीके से जेडीए की भूमि और बांध के कैचमेंट एरिया में पट्टे जारी किए
-इस कारगुजारी के लिए जांच कमेटी ने तत्कालीन सरपंच शैलेन्द्र सिंह,ग्राम विकास अधिकारी रमा माथुर को दोषी माना
-वर्तमान सरपंच अनिरुद्ध सिंह राजावत,ग्राम विकास अधिकारी जीतराम चौधरी भी भूमिका भी जांच कमेटी ने संदिग्ध मानी
-जांच रिपोर्ट के बाद ग्राम पंचायत चंदलाई की ओर से इन पट्टों को निरस्त करने के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर जयपुर द्वितीय न्यायालय में अपील की गई
-साथ ही चाकसू पंचायत समिति की ओर से जेडीए के अतिरिक्त आयुक्त पूर्व को पत्र लिखकर कर सूचित कर दिया है
-इस पत्र में जेडीए को जानकारी दी जा चुकी है कि बांध के कैचमेंट एरिया में फर्जी पट्टे जारी किए गए
-यह पत्र आने के बावजूद जेडीए की ओर से अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई
-चंदलाई झील में औद्योगिक अपशिष्ट डालने के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जिम्मेदार एजेंसियों से झील में हो रहे अतिक्रमण व प्रदूषण को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी
-उसके बाद  वन पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग,जल संसाधन विभाग, राजस्व विभाग,सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड,
-स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी, और स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की कमेटी ने पिछले वर्ष 28 अक्टूबर को झील का संयुक्त दौरा कर रिपोर्ट तैयारी की
-रिपोर्ट में जल संसाधन विभाग ने साफ तौर पर लिखा कि झील में कहां-कहां अतिक्रमण किए गए
-साथ ही यह भी खुलासा किया कि वर्ष 2020 से अब तक कितनी बार जिम्मेदार विभाग को फैक्ट्रियों द्वारा छोड़े जा रहे गंदे पानी की जानकारी दी जा चुकी है
-विभाग ने पुराने रेफरेंस में यह भी लिखा कि प्रदूषित पानी के कारण ही जलीय जीव जंतुओं की मृत्यु हो रही है
-साथ ही समीप का क्षेत्र केमिकल युक्त होने के कारण भी स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
-एक तरफ जांच में फर्जी पट्टे जारी होना साबित होने और दूसरी तरफ एनजीटी को सौंपी रिपोर्ट में भी अतिक्रमण सामने आने के बावजूद जेडीए,
-जल संसाधन विभाग और अन्य जिम्मेदार एजेंसियां प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रही हैं