Chandra Grahan 2023: 28 अक्टूबर को लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, पांच राशि वालों को होगा फायदा; जानिए कहां-कहां दिखाई देगा

जयपुर: बीते 14 अक्तूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि पर लगा था और अब कुछ ही दिनों बाद शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) भी लगने जा रहा है. जहां एक तरफ शारदीय नवरात्रि के पहले साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा था वहां अब दशहरे के बाद साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है. इसके अलावा साल का यह आखिरी चंद्र ग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगेगा. इस तरह से अक्तूबर का महीन त्योहारो और ग्रहण के नजरिए से बहुत ही खास है. हिंदी पंचांग के अनुसार आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि तिथि पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा. 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 28 अक्तूबर को  भारत में ग्रहण की शुरुआत मध्य रात्रि 01:05 बजे से होगी. मध्य रात्रि 02:24 बजे तक ग्रहण रहेगा. चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से ठीक 9 घंटे पहले से शुरू हो जाता है और ग्रहण खत्म होने के साथ सूतक भी खत्म हो जाता है. चंद्र ग्रहण के समय दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है. अगर इस दौरान राशि अनुसार दान किए जाते हैं तो कुंडली के कई दोषों का असर कम सकता है. 28 अक्तूबर को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य रहेगा. सूतक चंद्रग्रहण लगने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार साल के दूसरे चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर की दोपहर 4:05 मिनट से शुरू हो जाएगा. सूतक काल को अशुभ माना जाता है. जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तब चंद्र ग्रहण लगता है. वैज्ञानिक नजरिए से ग्रहण एक खगोलीय घटना मात्र होता है, लेकिन धार्मिक दृष्टि से ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है. चंद्र ग्रहण को चंद्रमा के ग्रहण के रूप में जाना जाता है. 28 अक्तूबर को दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. इसके पहले साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को वैशाख पूर्णिमा वाले दिन लगा था. यह चंद्र ग्रहण दुनिया भर के कई हिस्सों में देखा गया, लेकिन भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं दिया था. इस दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा. भारत में ये ग्रहण दिखाई देगा. इस वजह से इसका सूतक रहेगा. सूतक के समय में मंदिर बंद रहते हैं और सभी तरह की पूजा-पाठ वर्जित रहती हैं.

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि  यह चंद्र ग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में हो रहा है. अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में जन्मे व्यक्तियों के लिए विशेष अशुभ फलदाता और दुर्घटना का भय रहेगा. आश्विन मास में चंद्र ग्रहण होने से कहीं प्रकृति-प्रकोप, दुर्भिक्ष भय, भूकंप से जन-धन की हानि आशंका भी रहेगी. इसके साथ ही लोहा, क्रूड आयल व लाल रंग की वस्तुओं में तेजी आ सकती है. शासकों में मतभेद, डॉक्टर, वैद्य व व्यापारियों को कष्ट व पीड़ा बढ़ सकती है. चीन, ईरान, ईराक, अफगानिस्तान आदि देशों में अशांति, भय व भूकंप आदि की घटनाएं अधिक होने का भी अंदेशा रहेगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य और पूजा-पाठ करने की मनाही होती है. ग्रहण के दौरान कई तरह की विशेष सावधानियां बरती जाती हैं. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए, ग्रहण के बाद दान-पुण्य,स्नान और अपने इष्ट देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए. 

कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण:
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि  साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत के अलावा नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, मंगोलिया, चीन, ईरान, रूस, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, सूडान, इराक, तुर्की, अल्जीरिया, जर्मनी, पोलैंड, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, इटली, यूक्रेन, फ्रांस, नॉर्वे, ब्रिटेन, स्पेन, स्वीडन, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान और इंडोनेशिया में भी देखा जाएगा. भारत में चंद्र ग्रहण दिल्‍ली, गुवाहटी, जयपुर, जम्‍मू, कोल्‍हापुर, कोलकाता और लखनऊ, मदुरै, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, राजकोट, रांची, शिमला, सिल्‍चर, उदयपुर, उज्‍जैन, बडौदरा, वाराणसी, प्रयागराज, चेन्‍नई, हरिद्वार, द्वारका, मथुरा, हिसार, बरेली, कानपुर, आगरा, रेवाड़ी,अजमेर, अहमदाबाद, अमृतसर, बेंगलुरु भोपाल, भुवनेश्‍वर, चंडीगढ़, देहरादून, लुधियाना समेत कई शहरों में नजर आएगा.  

कब से कब तक देखा जा सकेगा चंद्रग्रहण:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि भारतीय समय के अनुसार साल के इस आखिरी ग्रहण की शुरुआत शनिवार 28 अक्टूबर को मध्य रात्रि 01:05 मिनट से होगी जो मध्य रात्रि 02:24 मिनट पर खत्म हो जाएगा. शनिवार 28 अक्टूबर को को सूतक काल दोपहर4:05 मिनट से शुरू हो जाएगा. 

अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में लगेगा चंद्र ग्रहण:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि यह चंद्र ग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में हो रहा है. अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में जन्मे व्यक्तियों के लिए विशेष अशुभ फलदाता और दुर्घटना का भय रहेगा.

ग्रहण का समय:-
ग्रहण प्रारम्भ:- मध्य रात्रि 01:05
ग्रहण मध्य:- मध्य रात्रि 01:44
ग्रहण समाप्त:- मध्य रात्रि 02:24
ग्रहण अवधि:- 01घण्टा 19 मिनट

पांच राशि वालों को होगा फायदा:-
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी ग्रहण लगता है तो इसका शुभ और अशुभ दोनों ही तरह का प्रभाव सभी राशि के जातकों के ऊपर पड़ता है. 28 अक्तूबर 2023 को लगने वाला साल का आखिरी चंद्रग्रहण वृषभ, मिथुन, कन्या, धनु और मकर वालों के लिए फायदा दिलाने वाला साबित होगा. इन राशि वालों के रूके हुए काम जल्द पूरे होंगे. मान-सम्मान में इजाफा देखने को मिलेगा. अचानक से धन लाभ हो सकता है. कार्यक्षेत्र में उपलब्धियों की प्राप्ति होगी. नौकरीपेशा जातकों को नौकरी में प्रमोशन और वेतनवृद्धि के योग बनेंगे. जो लोग बिजनेस करते हैं उन्हें कोई अच्छी डील मिल सकती है. पैतृक संपत्ति से लाभ की संभावना भी है. कानूनी मामलों में इन राशि के जातकों की जीत होगी.

प्राकृतिक आपदाओं की आशंका:-
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि 1 महीने में दो ग्रहण के होने से होगी प्राकृतिक आपदा जनहानि तूफान भूकंप दुर्घटना. अक्टूबर माह में लगेंगे दो - दो ग्रहण. 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण एवं 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण. अक्टूबर नवंबर माह में अग्निकांड सड़क दुर्घटनाएं भूकंप प्राकृतिक आपदाएं होगी. अक्टूबर नवंबर माह में पूरे विश्व में ज्यादा हिंसा होगी होगी और भारत के पश्चिमी हिस्से में हिंसा और अशांति होगी. सावधानी ही बचाव है. ग्रहण की वजह से प्राकृतिक आपदाओं का ज्यादा प्रकोप देखने को मिलेगा. इसमें भूकंप, बाढ़, सुनामी, विमान दुर्घटनाएं, किसी बड़े गुनाहगार का देश में वापस आने का संकेत मिल रहे हैं. प्राकृतिक आपदा में जनहानि कम ही होने की संभावना है. फिल्म एवं राजनीति से दुखद समाचार. व्यापार में तेजी आएगी. बीमारियों में कमी आएगी. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. आय में इजाफा होगा. वायुयान दुर्घटना होने की संभावना. पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे. सत्ता संगठन में बदलाव होंगे. पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा. देश में आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, वायुयान दुर्घटना, विमान में खराबी, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती है.