मुंबई : प्रत्येक फिल्म उद्योग में शाश्वत क्लासिक्स हैं जिन पर प्रशंसकों की स्वीकृति की मुहर है. यह फिल्में हर किसी के दिल के करीब हैं और इसे दोबारा दोहराना कई लोगों को व्यक्तिगत लग सकता है. रजनीकांत, ज्योतिका और नयनतारा अभिनीत 'चंद्रमुखी' एक ऐसी फिल्म है जो समय की कसौटी पर खरी उतरी है. एक दशक से अधिक समय के बाद, मूल फिल्म का निर्देशन करने वाले निर्देशक पी वासु सीक्वल लेकर आए हैं.
'चंद्रमुखी 2' की कहानी:
'चंद्रमुखी 2' की कहानी इसके प्रीक्वल से ली गई है, जो खुद मोहनलाल और शोबन की 'मणिचित्राथाझु' की रीमेक थी. राधिका सरथकुमार की बेटी अपने पति के साथ भाग जाती है और परिवार के क्रोध का पात्र बनती है. चूंकि उनका अंतरजातीय विवाह है, इसलिए उनकी ओर से कोई मंजूरी नहीं है. दुःख की बात है कि एक भयानक दुर्घटना के कारण उनकी बेटी और दामाद की दो बच्चों को छोड़कर मृत्यु हो गई.
'चंद्रमुखी' के बारे में:
'चंद्रमुखी' एक ऐसी कहानी है जो हर किसी के जेहन में ताजा है. रजनीकांत और ज्योतिका के अभिनय की बदौलत इसकी बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग है. 2005 में, यह फिल्म सबसे अधिक कमाई करने वाली तमिल फिल्मों में से एक बन गई और इसे कई भाषाओं में बनाया गया. 2023 में सीक्वल बनाना और फ्रेंचाइजी का विस्तार करना संदिग्ध है. 'हमें क्लासिक्स को नहीं छूना चाहिए', यह एक कहावत है जो कई फिल्म निर्माता कहते हैं. यहां, पी वासु ने न केवल क्लासिक को छुआ है, बल्कि 2005 की कहानी में कोई आविष्कार नहीं दिखाया है. प्रीक्वल में हास्य ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है.