नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि वह आबकारी नीति मामले में जांच एजेंसियों के समक्ष पेश होंगे और अगर वह भ्रष्ट हैं तो फिर दुनिया में कोई भी ईमानदार नहीं है.उल्लेखनीय है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में पूछताछ के लिए रविवार को तलब किया है.इस पर प्रतिक्रिया देते हुए यहां एक संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं और अगर पार्टी ने जांच एजेंसी को उन्हें गिरफ्तार करने का ‘‘आदेश’’ दिया है तो वह ऐसा करने से इनकार नहीं कर सकती है.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले के सबंध में पहले ही दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया है.ऐसा आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए लायी गयी दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति में कुछ डीलरों को लाभ पहुंचाया गया जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए घूस दी. हालांकि, आम आदमी पार्टी (आप) ने इस आरोप का कड़ा खंडन किया. बाद में यह नीति वापस ले ली गई. केजरीवाल ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा.
उन्होंने जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा मोदी के खिलाफ लगाए आरोपों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति के लिए भ्रष्टाचार कोई मुद्दा कैसे हो सकता है जो सिर से लेकर पैर तक भ्रष्टाचार में डूबा हो. उन्होंने कहा कि आजाद भारत के 75 साल के इतिहास में किसी पार्टी को आप की तरह निशाना नहीं बनाया गया क्योंकि इसने लोगों को उम्मीद दी है जबकि अभी तक कोई अन्य पार्टी ऐसा नहीं कर पाई. उन्होंने कहा कि आप ने लोगों में उम्मीद जगाई है कि वह गरीबी मिटा देगी, उन्हें शिक्षित बनाएगी और उनके बच्चों को रोजगार मुहैया कराएगी. प्रधानमंत्री इस उम्मीद को तोड़ना चाहते हैं.
केजरीवाल ने कहा कि गुजरात में भाजपा के 30 साल के शासन में एक भी स्कूल की हालत नहीं सुधरी जबकि दिल्ली में आप सरकार ने पांच साल में सरकारी स्कूलों की काया पलट दी. उन्होंने कहा कि गुजरात में प्रधानमंत्री जब एक स्कूल का दौरा करने जाते हैं तो एक अस्थायी कक्षा बनानी पड़ती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा आप को ठिकाने लगाने की कोशिश कर रही है और उसने पहले आप के नंबर दो तथा नंबर तीन (मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन) को सलाखों के पीछे भेजा और अब वे उन्हें पकड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मुद्दा भ्रष्टाचार या शराब घोटाला नहीं है. भ्रष्टाचार में डूबे व्यक्ति के लिए यह कैसे एक मुद्दा हो सकता है? मैंने मार्च में दिल्ली विधानसभा में अपने भाषण में भ्रष्टाचार के विभिन्न उदाहरण दिए थे और मुझे संजय सिंह (पार्टी सांसद) का कॉल आया था कि अगला नंबर मेरा है.
अपनी सरकार की आबकारी नीति की पैरवी करते हुए केजरीवाल ने कहा कि इससे भ्रष्टाचार खत्म हो सकता था. उन्होंने कहा कि इस नीति से पिछले एक साल में 50 प्रतिशत राजस्व बढ़ा. केजरीवाल ने आरोप लगाया कि शराब घोटाला मामले की जांच के संबंध में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों का उत्पीड़न किया गया तथा उन्हें धमकियां दी गई है. उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि क्या चल रहा है. वे किसी को भी पकड़ते हैं और फिर केजरीवाल या सिसोदिया का नाम लेने के लिए उन्हें प्रताड़ित करते हैं. यह उनकी जांच है. उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत में झूठ बोला कि सिसोदिया ने सबूत छिपाने के लिए 14 मोबाइल फोन नष्ट कर दिए.
केजरीवाल ने दावा किया, ईडी के जब्ती मेमो से पता चलता है कि उसके पास 14 में से चार फोन हैं जबकि एक फोन सीबीआई के पास है. हमारी खुद की जांच से पता चला कि बाकी के नौ फोन नंबर सक्रिय थे और उनका इस्तेमाल आप स्वयंसेवक जैसे लोग कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा आरोप है कि 100 करोड़ रुपये लिए गए. उन्होंने सवाल किया कि यह पैसा कहां हैं. केजरीवाल ने कहा कि 400 से अधिक छापे मारे गए..पैसा कहां है? ऐसा कहा गया कि धन का इस्तेमाल गोवा चुनाव में किया गया. उन्होंने गोवा के प्रत्येक विक्रेता से पूछताछ कि जिन्हें हमने नौकरी दी थी, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिल पाया. आबकारी नीति में सवाल भ्रष्टाचार का नहीं है. बाद में एक ट्वीट में केजरीवाल ने कहा कि हम अदालतों में झूठी गवाही देने और झूठे सबूत पेश करने के लिए सीबीआई और ईडी अधिकारियों के खिलाफ उचित मामले दर्ज कराएंगे. सोर्स भाषा