जयपुर: कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद रहे राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रतिक्रिया दी हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करना तानाशाही का एक और उदाहरण है. बीजेपी ये ना भूले कि यही तरीका उन्होंने इन्दिरा गांधी के खिलाफ भी अपनाया था और मुंह की खानी पड़ी. राहुल गांधी देश की आवाज हैं जो इस तानाशाही के खिलाफ अब और मजबूत होगी.
भारत जोड़ो यात्रा में राहुल जी ने महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और हिंसा का मुद्दा उठाया। इन पर ध्यान देने की जगह भाजपा सरकार राहुल जी के खिलाफ दमनकारी कदम उठा रही है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 24, 2023
भारत जोड़ो यात्रा में राहुल जी ने महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और हिंसा का मुद्दा उठाया. इन पर ध्यान देने की जगह भाजपा सरकार राहुल जी के खिलाफ दमनकारी कदम उठा रही है.ये समझ के परे है कि भाजपा नीरव मोदी और ललित मोदी जैसे बेईमानों के समर्थन में क्यों खड़ी हो रही है? भाजपा को बताना चाहिए कि गरीबों के हक को लूटकर विदेश भागने वाले नीरव मोदी, ललित मोदी चोर नहीं हैं?
ये समझ के परे है कि भाजपा नीरव मोदी और ललित मोदी जैसे बेईमानों के समर्थन में क्यों खड़ी हो रही है?
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 24, 2023
भाजपा को बताना चाहिए कि गरीबों के हक को लूटकर विदेश भागने वाले नीरव मोदी, ललित मोदी चोर नहीं हैं?
आपको बता दें कि सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया. लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा.
अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है. उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने मोदी उपनाम संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने, हालांकि गांधी को जमानत भी दे दी तथा उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता फैसले को चुनौती दे सकें.