शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को कहा कि मादक पदार्थ के खतरे के खिलाफ लड़ाई के लिहाज से संवेदनशीलता, सतर्कता और जागरुकता सबसे जरूरी चीज है. वह यहां मादक पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस’ पर आयोजित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे. मादक पदर्थों के चंगुल में फंसने वाले युवाओं की संख्या में बढ़ोतरी पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने मादक पदार्थों की लत वाले व्यक्तियों के प्रभावी उपचार और पुनर्वास के लिए मजबूत अवसंरचना पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ की लत से मुक्ति के अभियान में समाज के सभी तबकों को शामिल करने के लिए ग्रामसभा का निकट भविष्य में आयोजन किया जाएगा.उन्होंने इस समस्या को खत्म करने के लिए जनता से सहयोग मांगा और लोगों से मादक पदार्थ के तस्करों के बारे में पुलिस को सूचना देने का आग्रह किया. यहां जारी बयान में उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की लत के गंभीर शारीरिक और मानसिक परिणाम होते हैं, जिसका प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है.
उन्होंने मादक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने के लिए माता-पिता और बच्चों के बीच बातचीत के महत्व पर जोर दिया. मुख्यमंत्री ने शैक्षणिक संस्थानों के पास मादक पदार्थों की बिक्री पर चिंता व्यक्त की जिसके कारण युवाओं को नशे की लत लग रही है.उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों में अकेले शिमला में 400 संबंधित मामले दर्ज किए गए और 300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया. सोर्स भाषा