जयपुर: उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी तेजी से राजस्थान पर्यटन के ब्रांड एंबेसडर के तौर पर अपनी छवि को पुख्ता कर रही हैं. उनके उपमुख्यमंत्री बनने के बाद उनके फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों, यूएनओ के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस और अब दो दिन में लगातार जापान और अमेरिका के राजदूत से मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. जापान, अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों द्वारा जल्द ही राजस्थान में पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण और तकनीक के क्षेत्र में निवेश की उम्मीद बढ़ गई है. जल्द ही सिटी पैलेस ग्लोबल डिप्लोमेटिक रिलेशंस के एक बड़े केंद्र के तौर पर अपने पहचान बन सकता है.
सिटी पैलेस इन दिनों राजस्थान के दूसरे देशों से राजनायिक संबंधों का एक बड़ा केंद्र बन गया है. शनिवार को जापान के राजदूत और रविवार को अमेरिका के राजदूत में सिटी पैलेस का दौरा किया और उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी से मुलाकात की. शनिवार को भारत में जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी सिटी पैलेस पहुंचे थे इस दौरान उनके साथ जापान के राजनीतिक मामलों के मंत्री सेईचिरो तागुची भी मौजूद थे. सिटी पैलेस में उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के साथ मुलाकात में राजस्थान के पर्यटन, औद्योगिक निवेश और उद्योग-व्यापार के असीम अवसरों को लेकर बातचीत हुई. इसी कड़ी में आज भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सिटी अपने परिजनों के साथ सिटी पैलेस पहुंचे और उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी से मुलाकात की. दरअसल 2 दिन में दो देशों के राजदूतों के सिटी पैलेस पहुंचने और दिया कुमारी से उनकी मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
पिछले दिनों यूएनओ जनरल बॉडी के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस जयपुर आए और फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रो ने भी जयपुर की यात्रा की थी. इसे भी दिया कुमारी ने मुलाकात की ओर राजस्थान और जयपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को लेकर चर्चा की. दरअसल दिया कुमारी राजस्थान के ब्रांड एंबेसडर के तौर पर तेजी से उभर रही हैं. जयपुर पूर्व राज्य परिवार के प्रतिनिधि के बतौर केंद्र और राज्य सरकार उन्हें डिप्लोमेटिक फेस के तौर पर आगे कर रही हैं. ऐसे में धरोहर संरक्षण और पर्यटन के क्षेत्र में दिया कुमारी तेजी से एक बड़े चेहरे के तौर पर उभर रही हैं. ऐसे में सिटी पैलेस भारत और राजस्थान के राजनायिक संबंधों का एक नया केंद्र बन सकता है. माना जा रहा है कि जापान, फ्रांस और अमेरिका.. धरोहर संरक्षण, पर्यावरण सुधार और तकनीक के क्षेत्र में राजस्थान में निवेश भी कर सकते हैं और कुछ प्रोजेक्ट भी शुरू कर सकते हैं जिनमें शत प्रतिशत वित्तीय भागीदारी इन देशों की ही होगी.