कचरा मुक्त शहर बनाने की दिशा में बड़ी कवायद, बच्चे स्कूलों में सीखेंगे स्वच्छता संस्कार, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः अधिकतर स्कूलों की टैगलाइन होती है ज्ञानार्थ प्रवेश सेवार्थ प्रस्थान. इसी टैगलाइन के तहत अब बच्चे स्कूलों में ही स्वच्छता के संस्कार सीखेंगे ताकि इन्हें सीख कर बच्चे अपने शहर को कचरा मुक्त बनाने में योगदान दे सकें. इसके लिए प्रदेश भर के शहरों में चलाया जाएगा स्वच्छ विद्यालय अभियान. यह अभियान किस तरह चलाया जाएगा और कैसे स्वच्छता को लेकर बच्चों को किया जाएगा शिक्षित. 

केन्द्र सरकार की ओर से हर वर्ष स्वच्छ अभियान के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण आयोजित किया जाता है. इस सर्वेक्षण में मिले अंकों के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में देशभर के शहरों की मार्किंग की जाती है. इस स्वच्छ सर्वेक्षण की टूलकिट में शहर के स्कूलों को स्वच्छता जन आंदोलन का सशक्त माध्यम माना गया है. इसी के तहत प्रदेश की भजनलाल सरकार ने निकायों को अपने-अपने क्षेत्र के स्कूलों में स्वच्छ विद्यालय अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. इस अभियान के माध्यम से विद्यार्थियों में व्यवहार परिवर्तन,स्वच्छ आदतों का विकास, अपशिष्ट पृथक्करण और उसके वैज्ञानिक निस्तारण की समझ विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे. इस अभियान में स्कूल परिसर में स्वच्छता के आधार पर निकाय की ओर से स्कूल की मार्किंग की जाएगी. आपको बताते हैं कि किस तरह अंकों के आधार पर स्कूल का मूल्यांकन किया जाएगा-

स्कूलों में स्वच्छता व अपशिष्ट प्रबंधन का किया जाएगा मूल्यांकन
कुल 400 अंकों के आधार पर किया जाएगा मूल्यांकन
इसमें से स्कूल परिसर की सफाई के होंगे 100 अंक
विद्यालयों में कचरा प्रबंधन के होंगे 150 अंक
और शौचालयों की स्थिति के होंगे 150
कुल 400 अंकों में से निकाय स्कूलों को दिए जाएंगे अंक
स्कूलों में कचरा प्रबंधन व्यवस्था में यूं दिए जाएंगे अंक
स्कूलों में कचरा संग्रहण वाहन में गीले और
सूखे कचरा अलग-अलग करने को लेकर निर्धारित है 40 अंक
सूखे-गीले कचरे के अलग-अलग कचरा पात्र रखने के हैं 35 अंक
यूज्ड सैनेटेरी पेड के लिए विशेष रंग के अलग कचरा पात्र रखने
और पेड के प्रबंधन के निर्धारित किए हैं 35 अंक
स्कूल परिसर में कचरे से खाद बनाने के निर्धारित किए हैं 40 अंक
शौचालयों की स्थिति को लेकर स्कूलों को यूं दिए जाएंगे अंक
छात्र व छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालयों के लिए अंक
इस मामले में निर्धारित किए गए हैं 50 अंक
शौचालयों में छत,प्राकृतिक प्रकाश,हवा,पानी की व्यवस्था,
शौचालयों में दरवाजों की सही स्थिति को निर्धारित हैं 50 अंक
शौचालय अपशिष्ट के रखे हैं 50 अंक

स्वच्छता के अनुसार किए जा रहे मूल्यांकन में स्कूल अधिक से अधिक अंक प्राप्त करे, उसके लिए स्कूलों में स्वच्छता का माहौल विकसित करने के लिए इस स्वच्छ विद्यालय अभियान में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी.          

स्कूली बच्चों को स्वच्छता के लिए किया जाएगा प्रेरित
इसके लिए विभिन्न गतिविधियां की जाएंगी आयोजित
जिला शिक्षा अधिकारी से समन्वय कर की जाएंगी आयोजित
स्कूलों में कचरा मुक्त शहर,घर पर कचरे का पृथक्करण,
रियूज,रिड्यूज व रिसाइकल विषयों पर निबंध लेखन,चित्रकला प्रतियोगिता,
और स्कूल व आस-पास सफाई के लिए किए जाएंगे श्रमदान कार्यक्रम
कचरा निस्तारण संयत्र का बच्चों के लिए आयोजित होगा भ्रमण कार्यक्रम
स्कूली बच्चों को घर पर ही गीले व सूखे कचरे के पृथक्करण,
होम कंपोस्टिंग,सिंगल यूज्ड प्लास्टिक के दुष्प्रभाव,
प्लास्टिक के प्रतिबंधित उत्पादों और
कपड़े व जूट के थैलों के प्रयोग की दी जाएगी जानकारी
स्कूलों में आयोजित गतिविधियों को किया जाएगा अपलोड
विद्यार्थियों के सोशल मीडिया अकाउंट पर कराया जाएगा अपलोड
स्कूल स्तर पर स्वच्छता के ब्रांड एंबेसेडर के तौर पर होगा चयन
विद्यार्थियों का किया जाएगा चयन
स्कूली बच्चों को दी जाएगी जानकारी
स्वच्छता एप के द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के बारे में जानकारी
विद्यार्थियों द्वारा वेस्ट टू आर्ट, स्वच्छता और
अपशिष्ट से संबंधित नवाचारों हेतु कार्यशाला का किया जाएगा आयोजन
निकाय स्तर पर शिक्षा विभाग के लिए आयोजित होगी आमुखीकरण कार्यशाला
विभाग के अधिकारियों के लिए आयोजित होगी आमुखीकरण कार्यशाला
कार्यशाला में स्वच्छ भारत मिशन शहरी और
स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम को लेकर दी जाएगी विस्तृत जानकारी
श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों व स्कूलों का किया जाएगा सम्मानित
स्कूल स्तर पर चयनित बेस्ट ब्रांड एम्बेसेडर छात्र एवं छात्रा,
स्वच्छतम विद्यालय,बेस्ट वेस्ट टू वेल्थ नवाचार और
स्वच्छता अभियान में भाग लेने वाले विद्यालयों को किया जाएगा सम्मानित