VIDEO: आमजन को अधिकतम राहत देने के लिए गंभीर भजनलाल सरकार, सभी निकायों को आदेश देकर दी हिदायत, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: आमजन को अधिकतम राहत देने के लिए प्रदेश भजनलाल सरकार गंभीर है. निकायों में आमजन से जुड़ी सेवाओं के त्वरित निस्तारण के लिए सूचना व तकनीक पर विशेष जोर दिया जा रहा है. आमजन से जुड़ी सेवाओं के ऑनलाइन निस्तारण के लिए राज्य सरकार ने निकायों को चेतावनी जारी की है. 

प्रदेश भर के निकायों में विभिन्न सेवाओं के आवेदन से लेकर निस्तारण तक की प्रक्रिया ऑनलाइन करने के राज्य सरकार के आदेश हैं. इसके बावजूद कई निकायों के अधिकारी इस आदेश की अवहेलना कर रहे हैं. इसी के चलते स्वायत्त शासन विभाग ने ऐसे अधिकारियों को गंभीर चेतावनी दी है. आपको सबसे पहले बताते हैं कि किन सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है और इसको लेकर सरकार ने कब निकायों को हिदायत दी.

-प्रदेश भर के नगर निगम, नगर पालिका व नगर परिषदों में 13 प्रमुख सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है
-इनमें नाम हस्तांतरण, मोबाइल टावर और ऑप्टिक फाइबर केबल डालने की स्वीकृति,
-फायर एनओसी, सीवर कनेक्शन, ट्रेड लाइसेंस, भवन निर्माण स्वीकृति, साईनेज लाइसेंस,
-90 ए व लेआउट प्लान अनुमोदन, प्रॉपर्टी आईडी, उप विभाजन/पुनर्गठन,
-लीज होल्ड या फ्री होल्ड पट्टा जारी करना, लीज मुक्ति प्रमाण पत्र और स्ट्रीट वेंडिंग लाइसेंस हैं शामिल
-इन सेवाओं के प्रकरणों की निस्तारण प्रक्रिया ऑनलाइन करने के राज्य सरकार ने आदेश जारी किए हुए हैं
-स्वायत्त शासन विभाग ने 10 फरवरी 2023 और 10 जनवरी 2024 को आदेश जारी किए थे
-इन आदेशों में निकायों इन 13 सेवाओं के प्रकरणों को ऑनलाइन निस्तारित करने की हिदायत दी गई थी
-इसके बावजूद कई निकाय अधिकारी इन आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं

पिछले दो साल में मामले में दो बार आदेश जारी करने के बावजूद भी कई निकाय के अधिकारी इस व्यवस्था की पालना नहीं कर रहे हैं. अब भी ये अधिकारी प्रकरणों का ऑफलाइन निस्तारण कर रहे हैं. इसके चलते अब स्वायत्त शासन विभाग की ओर से सभी निकायों को आदेश जारी कर गंभीर चेतावनी दी गई है. आपको बताते हैं कि विभाग की ओर से क्या चेतावनी दी गई है और प्रकरणों का निस्तारण ऑनलाइन करने की व्यवस्था लागू करने के पीछे क्या उद्देश्य है.

-स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश जारी कर चेतावनी दी है कि
-अगर कोई अधिकारी इन सेवाओं से जुड़े प्रकरण का ऑनलाइन निस्तारण करता हुआ पाया गया तो
-उस अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी
-साथ ही इस आदेश में विभाग ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि
-ऑफलाइन निस्तारण के बाद भूखंड का पट्टा या किसी प्रकरण में ऑफलाइन निस्तारण के बाद जारी आदेश की वैधता नहीं होगी
-ऐसा पट्टा या कोई आदेश प्रारंभ से ही प्रभाव शून्य होंगे
-निस्तारण प्रक्रिया ऑनलाइन होने से निकाय या स्वायत्त शासन विभाग के स्तर पर लंबित प्रकरणों की मॉनिटरिंग की जा सकती है
-कितने प्रकरण किस निकाय में कितने दिन से है लंबित, इस बारे में ऑनलाइन पता लगाना आसान हो जाता है
-किस प्रकरण की फाइल किस कार्मिक के पास है लंबित और
-निकाय के कार्मिक क्या प्रकरण का कर रहे गुणवत्तापूर्ण निस्तारण, इसकी भी मॉनिटरिंग की जा सकती है
-इस मॉनिटरिंग का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आमजन से जुड़े प्रकरण समय पर निस्तारित हो सकेंगे
-आमजन को अपने कार्य के लिए निकाय कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे