समिति के सुझावों पर तय होगा जोशीमठ में प्रभावितों के लिए मुआवजा- पुष्कर सिंह धामी

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को कहा कि जोशीमठ में जमीन धंसने से प्रभावित परिवारों के लिए बाजार दर पर मुआवजा स्थानीय स्तर पर गठित समिति के सुझावों के आधार पर तय किया जाएगा. अंतरिम पैकेज के पारदर्शी वितरण एवं पुनर्वास पैकेज की दर निर्धारित किए जाने के लिए चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी है.

जमीन धंसने से प्रभावित जोशीमठ नगर में स्थिति का जायजा ले रहे मुख्यमंत्री ने अपने दौरे के दूसरे दिन इस समिति के सदस्यों के साथ बैठक करने के बाद कहा कि स्थानीय स्तर पर गठित समिति के सदस्यों के सुझावों पर बाजार दर पर मुआवजा तय किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रभावित हितधारकों के हितों का पूरा ध्यान रखते हुए बेहतर से बेहतर मुआवजा दिया जाएगा. प्रभावित लोगों को मानसिक रूप से भी सबल बनाना है. सरकार की ओर से जो अधिकतम हो सकता है, वह किया जाएगा. धामी ने कहा कि फरवरी में औली में शीतकालीन खेल होने हैं और कुछ महीने बाद चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. इस संबंध में उन्होंने कहा कि जोशीमठ संकट को लेकर कोई गलत संदेश बाहर नहीं जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग जोशीमठ को लेकर गलत माहौल बना रहे हैं, जिससे हमारे लोगों का नुकसान हो रहा है और उनके आर्थिक हित प्रभावित हो रहे हैं. मुख्यमंत्री ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) शिविर में सेना, आईटीबीपी, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और भूधंसाव की जांच में लगे विभिन्न प्रतिष्ठानों के वैज्ञानिकों, जिला प्रशासन, पुलिस एवं आवश्यक सेवाओं से जुड़े अधिकारियों के साथ भी बैठक की.

जोशीमठ में जमीन धंसने के बारे में चल रहे अध्ययन और शोध के संबंध में वैज्ञानिकों ने बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया. स्थानीय जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों के साथ एक अन्य बैठक में मुख्यमंत्री ने आपदा की घड़ी में सभी को तालमेल बनाकर काम करने की बात कही. उन्होंने कहा कि जिन लोगों के मकान, दुकान और व्यवसाय प्रभावित हुए हैं, उन सभी को अंतरिम सहायता के रूप में 1.50 लाख तात्कालिक रूप से दिए जा रहे हैं. बुधवार को जोशीमठ पहुंचे धामी ने देर रात तक राहत शिविरों का दौरा किया और वहां रह रहे लोगों से बातचीत की थी. जोशीमठ नगर क्षेत्र में 723 भवनों को प्रभावित के तौर पर चिह्नित किया गया है जिनमें से अब तक 145 परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में भेजा गया है. सोर्स- भाषा