जयपुर: राजस्थान की पहली स्वर्ण खदान की ऑनलाइन नीलामी का रास्ता साफ हो गया है. बांसवाड़ा के भूखिया जगपुरा गोल्ड माइन ब्लॉक के माइनिंग लाइसेंस और कांकरिया-गारा ब्लॉक के कम्पोजिट लाइसेंस के लिए भी पांच कंपनियों के बीच जोर आजमाइश होगी. आईपीओ खोल दिया गया है और 16 व 17 मई को दोनों ब्लॉक्स के माइनिंग और कंपोजिट लाइसेंस के लिए पांच-पांच कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा होगी. ऑनलाइन नीलामी में उच्च बोली लगाने वाली कंपनी गोल्ड ब्लॉक अपने नाम कर लेगी.
प्रदेश की पहली स्वर्ण खदान के माइनिंग लाइसेंस के लिए पांच कंपनिओं में प्रतिस्पर्धा
बांसवाड़ा के भूखिया-जगपुरा गोल्ड ब्लॉक के माइनिंग लाइसेंस के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा
कर्नाटक की रामगढ़ मिनिरल्स एंड माइनिंग लिमिटेड, अहमदाबाद की हीराकुंड नेचुरल रिसोर्सेस लिमिटेड
छत्तीसगढ़ की जिंदल पावर लिमिटेड, उदयपुर की हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड
और रतलाम मध्य प्रदेश की सैयद ओवैस अली के बीच प्रतिस्पर्धा
कांकरिया गारा गोल्ड ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस के लिए भी 5 कंपनियों में प्रतिस्पर्धा
अहमदाबाद की हीराकुंड नेचुरल रिसोर्सेस लिमिटेड, मुंबई की पोद्दार डायमंड प्राइवेट लिमिटेड
रतलाम की ओवैस मेटल एंड मिनरल्स प्रोसेसिंग लिमिटेड
उदयपुर की हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और कानपुर की जेके सीमेंट लिमिटेड के बीच प्रतिस्पर्धा
आज दोनों ब्लॉक के ML और CL के लिए आईपीओ
(इनिशियल प्राइस ऑफर) खुलेगा
16 और 17 मई को आयोजित की जाएगी ऑनलाइन बोली
नीलामी सफल रही तो राजस्थान स्वर्ण खनन में रचेगा इतिहास
राजस्थान भी अब कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और झारखंड के बाद ऐसा चौथ राज्य बना जा रहा है जहां पर स्वर्ण अयस्क के भंडारों से स्वर्ण उत्पादन किया जाएगा. राजस्थान के खान विभाग ने 6 मार्च को बांसवाड़ा के भूखिया जगपुरा गोल्ड ब्लॉक के माइनिंग लाइसेंस और कांकरिया गारा गोल्ड ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस के लिए निविदा जारी की थी. भुखिया जगपुरा ब्लॉक के लिए कर्नाटक की रामगढ़ मिनिरल्स एंड माइनिंग लिमिटेड, अहमदाबाद की हीराकुंड नेचुरल रिसोर्सेस लिमिटेड, छत्तीसगढ़ की जिंदल पावर लिमिटेड, उदयपुर की हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और रतलाम मध्य प्रदेश की सैयद ओवैस अली फर्म ने तकनीकी बिड दाखिल की. अब 16 में को इस गोल्ड ब्लॉक के माइनिंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन बोली आयोजित की जाएगी जिसमें यह पांचो कंपनी इस ब्लॉक को हासिल करने के प्रयास करेंगी.
इसी तरह कांकरिया कर गोल्ड ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस के लिए भी पांच कंपनियों ने तकनीकी बिड दाखिल की इसमें कानपुर की जेके सीमेंट और ओवैस मेटल एंड मिनिरल प्रोसेसिंग लिमिटेड भी अन्य तीन कंपनियों के साथ शामिल हैं. खान विभाग ने दोनों ब्लॉक के लिए आज आईपीओ यानी इनिशियल प्राइस ऑफर खोल दिए. अब ये सभी कंपनी बंद लिफाफे में अपने आईपीओ दाखिल करेंगी. दोनों ब्लॉक के लिए जो सर्वाधिक आईपीओ होगा उसे ही रिजर्व प्राइस मान करके 16 और 17 मई को ऑनलाइन बोली आयोजित की जाएगी. उम्मीद की जा रही है कि दोनों ही ब्लॉक की नीलामी सफल रहने से न केवल प्रदेश में स्वर्ण भंडारों का दोहन कर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी वरन रोजगार का भी सृजन होगा.