VIDEO: नवनिर्वाचित विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम का समापन, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला बोले-राजस्थान विधानसभा का गौरवशाली इतिहास रहा

जयपुर: राजस्थान विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम का समापन सत्र आयोजित हुआ. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कार्यक्रम में शिरकत की. CM भजनलाल शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी मौजूद रहे. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने अपने संबोधन में कहा कि राजस्थान विधानसभा का गौरवशाली इतिहास रहा है. विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करें. लोकतंत्र ही शासन चलाने की सर्वश्रेष्ठ पद्धति है. विधानसभा अध्यक्ष के अनुभवों का लाभ राज्य को मिलेगा. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि हमारी चुनाव व्यवस्था निष्पक्ष एवं पारदर्शी है. हमारी सभी संस्थाएं लोकतांत्रिक तरीके से संचालित होती है. सभी सदस्य जनता की उम्मीदों पर खरा उतरें.

विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र तक ही सीमित ना रहें:

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र तक ही सीमित ना रहें. विपक्ष के अच्छे मुद्दों को सरकार को सकारात्मक लेना चाहिए. राजस्थान में जब राजाओं का राज था. तब भी लोकतांत्रिक व्यवस्था होती थी. राजस्थान में लोकतंत्र की विचारधारा हमारे विचारों में रही. मुझे भी इस विधानसभा का सदस्य होने का मौका मिला. इस लोकतंत्र के मंदिर में जो मैंने सीखा. उसे ही आगे बढ़ाने का काम किया. जो सदन में बैठेगा,सुनेगा वही तर्क के साथ बात करेगा. विधानसभा अध्यक्ष देवनानी जी से मेरा आग्रह है कि एक दिन सदन में सभी विधायकों का एक सत्र हो. विधायक बताएं, उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र में क्या नवाचार किए. कौन-कौन सी लोक कल्याणकारी योजनाएं लागू की. अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने के लिए क्या काम किया. राव राजेंद्र सिंह जी सदन में पूरी तैयारी के साथ आते थे.

विधानसभा ही करती है कानून बनाने का काम:

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आज जब मैं देखता हूं. विधायक सदन में पूरे समय मौजूद नहीं रहते है. नए विधायक भी ऐसा करते हैं. मैने देखा गुलाब जी और राजेंद्र राठौड़ जी पूरे समय सदन में रहते थे. सदन में उपस्थिति को लेकर विधायक गंभीर रहें. क्योंकि विधानसभा ही कानून बनाने का काम करती है. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष देवनानी जी मेरा आग्रह है कि एक दिन सदन में सभी विधायकों का एक सत्र हो. विधायक बताएं उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र में क्या नवाचार किए. कौन कौन सी लोक कल्याणकारी योजनाएं लागू की. अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने के लिए काम किया.

नए विधायकों की जिम्मेदारी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के कल्याण और विकास की:

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि नए विधायकों की जिम्मेदारी बन जाती है. अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के कल्याण और विकास की. वहां के लोगों के आकांक्षाओं की. राज्य के प्रमुख विषयों को सदन में उठाएं. भले ही आप एक विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं, लेकिन कल्याण की जिम्मेदारी पूरे राजस्थान की. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि राजस्थान में राजाओं का जब राज था. तब भी लोकतांत्रिक व्यवस्था होती थी. राजस्थान में लोकतंत्र की विचारधारा हमारे विचारों में रही. मुझे भी इस विधानसभा के सदस्य होने का मौका मिला. इस लोकतंत्र के मंदिर में जो मैंने सीखा. उसे ही आगे बढ़ाने का हमने काम किया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि शौर्य, वीरता की धरती राजस्थान से आए सभी विधायकों का मैं सम्मान करता हूं. जनता ने आपको जिम्मेदारी के साथ यहां भेजा है. मुझे आशा है आप उनके भरोसे पर खरा उतरेंगे.

सदन को चलाने की जिम्मेदारी पक्ष और विपक्ष दोनों की:

समापन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला हमारे प्रदेश का मान बढ़ा रहे. संसदीय प्रक्रियाओं के नियमों को आपने समझाया है. आज बिरला जी के अनुभवों से भी हम लाभान्वित होंगे. शर्मा ने उप राष्ट्रपति धनखड़ जी के संबोधन को लेकर कहा कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी पक्ष और विपक्ष दोनों की होती है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्पीकर ओम बिरला का अभिनंदन किया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सदन में हमारा आचरण अच्छा होना चाहिए. सदस्य सदन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें. 

मर्यादा में रहकर अच्छे तरीके से मुद्दों को उठाएं:

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अपने संबोधन में कहा कि मर्यादा में रहकर अच्छे तरीके से मुद्दों को उठाएं. समितियों को प्रभावी बनाना आप लोगों के हाथ में है. आप सभी को अपनी बात रखने का पूरा समय मिलेगा. पक्ष-विपक्ष दोनों जनहित से जुड़े मुद्दे उठाएं और सदन को उत्साहपूर्वक चलाएं. स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि 71 उन विधायकों के लिए कार्यक्रम बेहद अहम रहा. जो विधायक पहली बार सदन के सदस्य बने हैं. सदन में आचरण और समय महत्वपूर्ण है. इसलिए जरूरी है आप मर्यादा में रहे.