लगातार हार के बाद कांग्रेस हाईकमान एक्शन मोड़ में, कईं राज्यों के बदले जाएंगे प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी

जयपुरः पहले हरियाणा और फिर महाराष्ट्र चुनाव के बाद कांग्रेस हाईकमान अब एक्शन मोड़ में दिख रहा है. हाल ही में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में  खुद अध्यक्ष खड़गे ऊपर से लेकर नीचे तक बड़े बदलाव का दावा कर चुके हैं. लिहाजा जल्द ही AICC से लेकर राज्यों के संगठन में बड़े बदलाव अब देखने को मिल सकते हैं. 

लगातार हार से हताश औऱ निराश कांग्रेस ने अब संगठन की सर्जरी करने का फैसला कर लिया है. हार के कारणों को लेकर पिछले दिनों हुई CWC की बैठक में अध्यक्ष खरगे ने जमकर नेताओं की क्लास ली. खड़गे ने कहा वक्त आ गया है अब संगठन में जरूरी बदलाव करने ही होंगे. इस दौरान राहुल गांधी ने भी अध्यक्ष को चाबुक चलाने के लिए कहा. बैठक के बाद अब कांग्रेस गलियारों में यही चर्चा चल रही है कि हाईकमान पार्टी के भीतर कहां-कहां चाबुक चलाएंगे. जानकारों के मुताबिक जहां पहले बदलाव की जरूरत है वहां से सर्जरी की शुरुआत होगी. मसलन. 

हरियाणा में जल्द नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी औऱ नेता प्रतिपक्ष की भी नियुक्ति होगी

उड़ीसा में पिछले 6 माह से खाली पड़े पीसीस चीफ पद पर नियुक्ति होगी

बिहार प्रदेशाध्यक्ष अखिलेश सिंह प्रसाद की जगह नए नेता को कप्तान बनाया जाएगा

महाराष्ट्र पीसीसी चीफ नाना पटोले का इस्तीफा मंजूर करते हुए नया अपॉइंटमेंट होगा

छत्तीसगढ़ पीसीसी चीफ दीपक बैज की छुट्टी तय क्योंकि उनके रहते पहले विधानसभा फिर लोकसभा चुनाव हारे

खड़गे अपनी पूरी टीम अभी तक नहीं बना पाए,ऐसे में कुछ और नेताओं को AICC में लिया जाएगा

कईं प्रभारियों के पास एक से ज्यादा राज्यों की जिम्मेदारी, ऐसे में अब उन्हें सिर्फ एक राज्य तक सीमित किया जाएगा

बंगाल में सिर्फ पीसीसी चीफ की नियुक्ति हुई है,अब प्रदेश टीम का होगा गठन

दिल्ली में देवेन्द्र यादव अभी अंतरिम अध्यक्ष है, नए चेहरे को मौका मिलेगा या फिर यादव को स्थाई किया जा सकता है

हिमाचल प्रदेश में भंग पड़ी स्टेट कार्यकारिणी का होगा गठन

नए राष्ट्रीय प्रवक्ताओं की भी होगी नियुक्तियां 

अन्य राज्यों और अग्रिम संगठनों में भी हो सकता है बदलाव 

तो यह बदलाव जल्द कांग्रेस संगठन में अब होने तय है. जिस तरह के तेवर खड़गे ने बैठक में दिखाए है. उससे अब नहीं लगता कि कांग्रेस हाईकमान इन पेंडिंग नियुक्तियों को और ज्यादा अब खीचेंगे. वहीं कईं अन्य राज्यों औऱ अग्रिम संगठनों में भी बदलाव की चर्चाएं तेज हो चुकी है. जिस दौर से कांग्रेस पार्टी आज गुजर रही है अगर उसे खड़ा करना है तो यकीनन पहले संगठन में जान फूंकनी पड़ेगी. अब देखना होगा कि कांग्रेस हाईकमान मेरिट पर यह नियुक्तियां करता है या फिर पुराने ढर्रे को फॉलो किया जाएगा.