जयपुरः राजस्थान कांग्रेस के गलियारों में इन दिनों सभी की जुबां पर यही सियासी सवाल है कि 2028 की विधानसभा चुनाव की जंग किसके नेतृत्व में लड़ी जाएगी. वैसे तो इसका सटीक जवाब भविष्य के गर्भ में छिपा है. पर आगामी निकाय औऱ पंचायत चुनाव की परफॉर्मेंस से फ्यूचर लीडरशिप की तस्वीर कुछ हद तक साफ हो सकती है. फिलहाल यह तय है ये दोनों चुनाव पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में ही लड़े जाएंगे. अगर परफॉर्मेंस बेहतर रही तो डोटासरा फिर आगे भी कंटिन्यू कर सकते है पर परिणाम विपरीत रहने पर फिर बदलाव की आहट भी शुरु हो सकती है.
अगले हफ्ते गोविंद सिंह डोटासरा का पीसीसी चीफ पोस्ट पर 5 साल का कार्यकाल पूरा हो जाएगा. आपको बता दे कि सियासी घमासान के बाद पायलट को हटाकर डोटासरा को जुलाई 2020 में राजस्थान कांग्रेस का कप्तान बनाया गया था. ऐसे में कांग्रेस गलियारों में अब यही सवाल तैर रहा है कि डोटासरा इस पद पर आगे कब तक बने रहेंगे. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो फिलहाल तो गोविंद सिंह डोटासरा ही इस पद पर बने रहेंगे और उन्हीं के नेतृत्व में आगामी निकाय औऱ पंचायत चुनाव लड़ा जाएगा. लिहाजा गोविंद सिंह डोटासरा ने अभी से इसी के चलते चुनावी तैयारियां भी शुरु कर दी है.
2028 के विधानसभा चुनाव आखिर किसके नेतृत्व में होंगे?
कांग्रेस के गलियारों में सभी की जुबां पर यही सियासी सवाल
अगले हफ्ते गोविंद डोटासरा का हो जाएगा 5 साल का कार्यकाल पूरा
जुलाई 2020 में डोटासरा को दी गई थी राजस्थान कांग्रेस की डोर
आगामी निकाय औऱ पंचायत चुनाव लड़े जाएंगे डोटासरा के ही नेतृत्व में
ऐसे में निकाय-पंचायत चुनाव की परफॉर्मेंस पर रहेगा आगे सब कुछ निर्भर
अगर परफॉर्मेंस रही बेहतर तो डोटासरा का बढ़ जाएगा सियासी कद औऱ वजूद
लेकिन रिजल्ट विपरीत रहने पर फिर बदलाव की चर्चा हो जाएगी तेज
हालांकि लोकसभा चुनाव की नतीजों के चलते हाईकमान है डोटासरा से बेहद खुश
आपको बता दे कि राजस्थान कांग्रेस के इतिहास में अब तक सबसे ज्यादा लगातार पीसीसी चीफ रहने का रिकॉर्ड सचिन पायलट के नाम है. सचिन पायलट करीब साढ़े 6 साल तक कंटिन्यू राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे थे. अब यही सवाल भी कांग्रेस नेताओं की जुबां पर है कि क्या डोटासरा सचिन पायलट का यह रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं. लेकिन अब इन सवालों का सटीक जवाब तो निकाय-पंचायत चुनाव परिणामों से ही कुछ हद तक मिल सकता है.
उधर डोटासरा लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद से ही हाईकमान की नजरों में आ चुके हैं. इसकी वजह यह है क्योंकि पिछले दो लगातार चुनाव में कांग्रेस खाता तक नहीं खोल पाई थी. ऐसे में अच्छी सीटें मिलने पर डोटासरा का सियासी डंका बज गया और दिल्ली दरबार में उनकी डोर औऱ मजबूत हो गई. वहीं राजस्थान में लाखों की तादाद में पदाधिकारियों का सेटअप खड़ा करने की तारीफ हाईकमान खुलकर कईं मंचों से कर चुका है. लेकिन सियासत में अंत पंत चुनावी रिजल्ट ही लीडरशिप औऱ लीडर की परफॉर्मेंस आंकने का सबसे सटीक पैमाना होता है. ऐसे में डोटासरा बतौर सेनापति अगर निकाय औऱ पंचायत चुनाव में परफॉर्मेंस दिखाते है तो वो औऱ मजबूत हो जाएंगे. लेकिन रिजल्ट विपरीत रहने पर फिर विरोधी खेमे बदलाव की अटकलों को बल दे सकता है.
आखिर किस चेहरे के नेतृत्व पर लड़े जाएंगे 2028 विधानसभा चुनाव
जल्द गोविंद डोटासरा का हो जाएगा 5 साल का कार्यकाल पूरा
जुलाई 2020 में डोटासरा को मिली थी राजस्थान कांग्रेस की डोर
आगामी निकाय औऱ पंचायत चुनाव लड़े जाएंगे डोटासरा के ही नेतृत्व में
निकाय-पंचायत चुनाव परफॉर्मेंस पर रहेगा अब आगे सब कुछ निर्भर
अगर परफॉर्मेंस रही बेहतर तो डोटासरा का बढेगा सियासी कद
पर रिजल्ट विपरीत रहने पर फिर बदलाव की चर्चा हो जाएगी शुरु
हालांकि लोकसभा चुनाव नतीजों के चलते हाईकमान है डोटासरा से बेहद खुश