VIDEO: मानसरोवर में आखिर कब बनेगा कांग्रेस का नया दफ्तर, अब कांग्रेस अपने स्तर पर कराएगी ऑफिस का निर्माण, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: शिलान्यास के एक साल बाद भी कांग्रेस अपने नए दफ्तर का निर्माण कार्य अभी तक शुरु नहीं कर पाई है. मानसरोवर में 23 सितंबर 2023 को खड़गे औऱ राहुल गांधी ने नए भवन के निर्माण के लिए शिलान्यास किया था. लेकिन फंडिंग व्यवस्था नहीं होने के चलते अभी तक जमीन पर काम शुरु नहीं हो पाया है. लिहाजा प्रदेश नेतृत्व ने अब अगले साल की शुरुआत में निर्माण कार्य शुरु करने का दावा किया है. नेतृत्व ने फंडिंग अरेंजमेंट के  लिए अब पार्टी से और अपने नेताओं से आर्थिक मदद लेने का फैसला लिया है. 

कॉर्पोरेट ऑफिस जैसी बिल्डिंग का नजर आ रहा यह मॉडल है राजस्थान कांग्रेस के नए मुख्यालय का नए भवन के लिए कांग्रेस को मानसरोवर में प्राइम लोकेशन पर गहलोत सरकार में करीब 6 हजार वर्ग गज जमीन भी अलॉट हो गई थी. खुद कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे औऱ राहुल गांधी पिछले साल 23 सितंबर को इसका शिलान्यास भी कर गए थे. शिलान्यास को करीब 15 माह का वक्त गुजर चुका है लेकिन अभी तक भवन निर्माण का काम तक शुरु नहीं हो पाया. दरअसल राजस्थान में कांग्रेस की सरकार चली गई औऱ फिर निर्माण के लिए पैसों का संकट खड़ा हो गया. फंड का बंदोबस्त नहीं होने के चलते निर्माण कार्य अभी भी अटका हुआ है. बीच में क्राउड फंडिंग के जरिए पैसा जुटाने के ऑप्शन पर विचार किया गया. लेकिन बात नहीं बनी लिहाजा अब पार्टी ने अपने स्तर पर निर्माण कार्य शुरु करने का फैसला किया है.

 - कैसे होगा कांग्रेस के नए भवन के लिए पैसों का इंतजाम -
पार्टी अपने स्तर पर शुरु करेगी निर्माण कार्य शुरु
इसके लिए कार्यकर्ता,पदाधिकारी,विधायक और सांसदों से जुटाएंगे पैसा
पूर्व मंत्री,पूर्व विधायक और पूर्व सांसदों से भी लेंगे आर्थिक मदद
निकाय और पंचायत जनप्रतिनिधियों से भी लेंगे पैसा
AICC से भी जुटाई जाएंगी फंडिंग

आपको बता दे कि नया दफ्तर तमाम आधुनिक सुविधाओं से लैस और आलीशान बनाया जाएगा. नए मुख्यालय में कैफेटेरिया,जिम,लाइब्रेरी औऱ कैंटीन जैसी फैसिलिटी होगी. इसके अलावा पार्किंग की भी अच्छी सुविधा होगी. साथ ही नए मुख्यालय में पीसीसी चीफ से लेकर तमाम अग्रिम संगठनों,प्रकोष्ठों और विभागों के दफ्तर भी बनाए जाएंगे. साथ ही कांग्रेस के इतिहास से जुड़ा एक छोटा सा म्यूजियम भी बनाया जाएगा. दरअसल चांदपोल स्थित मौजूदा मुख्यालय काफी छोटा है और भीड़भाड़ वाले इलाके में है. ऐसे में पार्किंग नहीं होने के चलते जाम जैसी कईं समस्याओं से दो चार होना पड़ता है.

बिल्डिंग के निर्माण के लिए बीच में कईं नेताओं ने क्राउड फंडिंग का सुझाव दिया था. लेकिन 80 करोड़ जैसी बड़ी राशि चंदे के जरिए जुटाना संभव नहीं था. लिहाजा अब स्टेट लीडरशिप ने अब पार्टी और अपने नेताओं के स्तर पर इसको बनाने का फैसला लिया है. कांग्रेस नेताओं का दावा है कि नए साल में इसका निर्माण कार्य अब शुरु कर दिया जाएगा. अब देखने वाली बात होगी कि पहले जो आर्किटेक्ट से बिल्डिंग का नक्शा बनाया गया था वही इमारत बनाते है या फिर फंडिंग अरेंजमेंट के आधार पर कोई बदलाव होगा.