VIDEO: मनरेगा और अरावली मामले में कांग्रेस का विरोध का प्लान, गुजरात से दिल्ली तक 4 राज्यों में रहेगा आंदोलन का फोकस, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: अरावली और मनरेगा नाम बदलने के मसले पर कांग्रेस हाईकमान विरोध की रणनीति का बड़ा प्लान बना रहा है.सामने आ रहा है विरोध में राहुल गांधी इसको लेकर गुजरात से लेकर दिल्ली तक चार राज्यों में पदयात्रा निकाल सकते है या फिर कोई जन आंदोलन शुरु करेंगे.27 दिसंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में इस रणनीति पर फाइनल मुहर लग सकती है. कथित वोट चोरी औऱ एसआईआर मुद्दे पर केन्द्र सरकार को घेर रहे राहुल गांधी अब बदले माहौल के चलते दूसरे मुद्दों को लेकर सड़क पर उतर सकते है.

कांग्रेस थिंक टैंक मनरेगा का नाम बदलने औऱ अरावली मसले को अब सियासी रूप से भुनाने की तैयारी में जुट गए हैं.दोनों मुद्दों पर लोगों की भावनाओं को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान एक और पदयात्रा का आगाज करने का प्लान बना रहा है.पदयात्रा के अलावा अन्य कोई बड़ा जन आंदोलन शुरु करने की रणनीति पर भी विचार विमर्श हो रहा है.बताया जा रहा है कि खुद राहुल गांधी इस विरोध कार्यक्रम को लीड कर सकते है.कल इसको लेकर जयपुर में अशोक गहलोत औऱ पवन खेड़ा ने भी विस्तार से विरोध की रूपरेखा पर मंथन किया.

मनरेगा नाम बदलने औऱ अरावली मामले पर कांग्रेस का प्लान:
-पदयात्रा या कोई अन्य जन आंदोलन शुरु करने की रणनीति की योजना
-चार राज्यों में कांग्रेस शुरु कर सकती है पदयात्रा
-गुजरात से राहुल गांधी कर सकते है पदयात्रा शुरु
-राजस्थान हरियाणा औऱ दिल्ली में निकलेगी पदयात्रा
-पदयात्रा के दौरान कई सभाओं का भी होगा आय़ोजन
-अशोक गहलोत औऱ पवन खेड़ा ने आंदोलन की रणनीति को लेकर किया मंथन
-27 दिसंबर को CWC बैठक में होगा इस पर अंतिम फैसला
-दोनों मुद्दे उठाकर हाईकमान की कोशिश होगी कांग्रेस को संजीवनी देना
-पदयात्रा के बहाने गुजरात में कांग्रेस संगठन की मजबूती पर रहेगा फोकस
-गुजरात में दो साल बाद है विधानसभा चुनाव

दरअसल कांग्रेस रणनीतिकारों को लग रहा है कि वोट चोरी मुद्दे के बजाय मनरेगा औऱ अरावली के मुद्दे ज्यादा प्रभावशाली हो सकते है.क्योंकि आमजन से ये दोनों मुद्दे सीधे भी जुड़े हुए हैं.रोजगार औऱ पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मुद्दों को अगर प्रभावी तरीके से उठाया जाए तो जनसमर्थन मिल सकता है.लिहाजा कांग्रेस थिंक टैंक ने राहुल गांधी को इन मुद्दों पर आवाज उठाने और लीड करने की रणनीति बनाई है.कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक पर अब इनको लेकर और विस्तार से मंथन किया जाएगा.वरिष्ठ नेताओं की सलाह औऱ सुझाव के बाद ही आधिकारिक रूप से फिर कार्यक्रम जारी किया जाएगा.

कांग्रेस सूत्रों की माने तो आंदोलन या फिर पदयात्रा का आगाज नए साल में ही होगा.क्योंकि अभी सब लोग नए साल के सेलिब्रेशन में बिजी है.ऐसे में संभावना है कि जनवरी के पहले हफ्ते यह यात्रा शुरु हो सकती है.अब देखना है कि कांग्रेस को इस आंदोलन के जरिए कैसे कांग्रेस दोनों मुद्दों पर आवाज बुलंद करती है औऱ पब्लिक का कितना रिस्पॉन्स फिर मिलता है.