जयपुर: भले ही कांग्रेस में पांच साल की लेटलतीफी के बाद विभागों और प्रकोष्ठों का गठन हो रहा हो. लेकिन इस बार प्रदेश नेतृत्व इनके गठन में काभी गंभीरता दिखा रहा है. जनाधारी,विधायक और वरिष्ठ नेताओं को इस बार विभागों-प्रकोष्ठों की कमान दी जा रही है. ममता भूपेश,संदीप यादव और गणेश घोघरा जैसे दिग्गज नेताओं को अब तक इनमें जिम्मेदारी मिल चुकी है.
राजस्थान कांग्रेस ने जिस तरह निचले स्तर पर लाखों की तादाद में संगठन का स्ट्रक्चर खड़ा किया है. वैसे ही अब कांग्रेस विभागों और प्रकोष्ठों के गठन में भी ऐसे ही रुचि दिखा रही है. क्योंकि इससे पहले इन विभागों और प्रकोष्ठों पर कभी ज्यादा गौर नहीं किया जाता था. ऐसे में यह विभाग औऱ प्रकोष्ठ पहले केवल नाममात्र के ही थे. आपको बता दे कि राजस्थान कांग्रेस में टोटल 33 विभाग और प्रकोष्ठ है.
-राजस्थान कांग्रेस का अब पूरा फोकस विभागों और प्रकोष्ठों पर
-इस बार गंभीरता से किया जा रहा है विभागों और प्रकोष्ठों का गठन
-कांग्रेस में टोटल है 33 विभाग और प्रकोष्ठ
-अब तक 18 विभागों औऱ प्रकोष्ठों का हो चुका है गठन
-इस बार वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को दी जा रही इनमें कमान
-ममता भूपेश,गणेश घोघरा,संदीप यादव, अमीन पठान और चोपदार जैसे नेताओं को मिली जिम्मेदारी
-कईं दिग्गज नेता है विभाग और प्रकोष्ठ की कमान लेने की कतार में
-जल्द 15 विभागों औऱ प्रकोष्ठों का भी होगा गठन
-प्रकोष्ठ का गठन होता है प्रदेश नेतृत्व के स्तर पर
-विभाग की मुखिया की नियुक्ति होती है दिल्ली से हाईकमान के जरिए
आपको बता दे कि पिछली कांग्रेस सरकार में सियासी बगावत के वक्त जुलाई 2020 में इन विभागों और प्रकोष्ठों को भंग किया था. ऐसे में पांच साल तक इनका गठन नहीं हुआ. भले ही इनके गठन में बहुत ज्यादा देरी हुई पर अब अच्छी बात है ऐसे नेताओं को इनकी कमान दी जा रही है जो इनको सक्रियता के साथ चला सकते हैं.
इन विभाग और प्रकोष्ठों में हुई अब तक नियुक्ति
अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग, जवाहर बाल मंच, विधि मानवाधिकार विभाग, राजीव गांधी पंचायती राज संगठन, अल्पसंख्यक विभाग, सोशल मीडिया विभाग, आदिवासी कांग्रेस, SC विभाग, शिक्षक प्रकोष्ठ, चिकित्सा प्रकोष्ठ, उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ, कच्ची बस्ती प्रकोष्ठ, स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ, पर्यावरण संरक्षण प्रकोष्ठ, अभाव
अभियोग प्रकोष्ठ, सहकारिता प्रकोष्ठ और खेलकूद प्रकोष्ठ
प्रदेश नेतृत्व की इनमें रुचि को देखते हुए कईं दिग्गज नेता अब शेष विभागों और प्रकोष्ठों की कमान के लिए लॉबिंग में जुट गए हैं. फिलहाल 15 विभागों और प्रकोष्ठों में अभी नियुक्तियां होना शेष है.
इन 15 विभागों और प्रकोष्ठों का होना है गठन-
किसान एवं खेत मजदूर कांग्रेस, विचार विभाग, पूर्व सैनिक विभाग, प्रोफेशनल कांग्रेस, असंगठित कामगार , डाटा एनालिटिक्स विभाग, रिसर्च विभाग, इंटक राजस्थान, सामाजिक न्याय और अधिकारिता प्रकोष्ठ, पेंशनर्स और जन सहायता प्रकोष्ठ, विशेष पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ, खनन विकास और उत्थान प्रकोष्ठ, प्रवासी राजस्थानी प्रकोष्ठ, निशक्तजन प्रकोष्ठ और खादी ग्रामोद्योग प्रकोष्ठ
दरअसल संगठन सृजन अभियान के तहत हाईकमान के निर्देश पर प्रदेश नेतृत्व ने इन प्रकोष्ठों और विभागों को एक्टिव करने का फैसला किया है. यही वजह है कि प्रदेश नेतृत्व मजबूत और जनाधार वाले नेताओं को ही इनकी बागडोर सौंप रहा है. बतौर विपक्ष कांग्रेस के लिए भी यह कदम फायदेमंद रहेगा. क्योंकि इनके जरिए हजारों नेताओं को इनमें एडजस्ट कर दिया जाएगा. जिससे पार्टी कार्यक्रमों में भीड़ भी जुटेगी और गतिविधियों को नई धार भी मिलेगी.