VIDEO: कांग्रेस को मिले तीन बड़े अहम मुद्दे, नेशनल हेराल्ड, मनरेगा और अरावली मामलों से कांग्रेस को मिल सकती है ऑक्सीजन, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: कांग्रेस को इन दिनों तीन बड़े मुद्दे कह सकते है बैठे बिठाए मिल चुके है. वो है, नेशनल हेराल्ड,मनरेगा का नाम बदलने और अरावली का मसला. मनरेगा और अरावली के मुद्दे पर तो जनता भी मुखर दिख रही है. लिहाजा इसको देखते हुए कांग्रेस भी अब सरकार के खिलाफ हमलावर होने लगी है. कांग्रेस ने इन मुद्दों को अब धीरे-धीरे सियासी तूल देना भी शुरु कर दिया है. सियासी जानकारों का मानना है कि अगर कांग्रेस अगर इनको प्रभावी तरीके से उठाती है तो फिर अपनी राजनीतिक स्थिति को भी मजबूत कर सकती है.

वोट चोरी और एसआईआर मुद्दे पर अटकी हुई कांग्रेस को इन दिनों तीन बड़े मुद्दे राजनीति  के लिए मिल चुके है. पहले नेशनल हेराल्ड में कोर्ट से गांधी परिवार को बड़ी राहत मिली. जिस पर ईडी जैसी जांच एजेंसी को कांग्रेस ने सवालों के घेरे में खड़ा किया. कांग्रेस ने आंदोलन और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए विरोध करते हुए इस मामले में विक्टिम कार्ड खेला कि कैसे सोनिया और राहुल गांधी को बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है. दूसरा मनरेगा का नाम बदलने,महात्मा गांधी का नाम हटाने औऱ नए नियम बनाने के मसले को भी कांग्रेस ने तुरंत लपका और केंद्र की मंशा को घेरा. वहीं तीसरा अब अरावली मसले पर भी कांग्रेस मुखर होने लगी है. जानकारों का कहना है कि  तीनों मुद्दें अगर कांग्रेस मजबूती से उठाए तो उसे  जनता का समर्थन मिलने से नई सियासी ऑक्सीजन मिल सकती है.

क्या 3 बड़े मुद्दे कांग्रेस को दे सकते है सियासी ऑक्सीजन?
-नेशनल हेराल्ड,मनरेगा और अरावली मामला कांग्रेस को कर सकते है पुनर्जीवित 
-कांग्रेस प्रभावी तरीके से इनको उठाए तो अपनी सियासी स्थिति  कर सकती है मजबूत
-नेशनल हेराल्ड मामले में सदन से लेकर सड़क तक किया प्रदर्शन
-70 शहरों में कांग्रेस ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
-विक्टिम कार्ड खेलते हुए कांग्रेस ने ईडी और केन्द्र सरकार पर साधा निशाना
-मनरेगा का नाम बदलते हुए नए प्रावधानों को लेकर कांग्रेस हुई मुखर
-खुद सोनिया गांधी ने संभाला मनरेगा को लेकर मोर्चा
-मजदूर,ग्रामीण,किसान,महिला और गरीब तबके को लुभाने में जुटी कांग्रेस
-मनरेगा में सबसे ज्यादा इसी वर्ग को मिल रहा है रोजगार
-अरावली मामले को लेकर भी कांग्रेस ने विरोध किया शुरु
-जल्द मनरेगा और अरावली मामले को लेकर कांग्रेस बनाएगी लड़ाई की नई रणनीति

मनरेगा और अरावली जैसे मुद्दों को लेकर अब पब्लिक भी हुकूमत से सवाल करने लगी है. ऐसे में उधर बदले माहौल में कांग्रेस हाईकमान ने भी फिर विरोध की रणनीति में बदलाव करते हुए नेशनल हेराल्ड मामले को फिलहाल प्रेस कॉन्फ्रेंस तक सीमित कर दिया. कांग्रेस अब मनरेगा और अरावली को लेकर ही आगे जोरदार विरोध करती नजर आएगी. मनरेगा मामले में तो खुद सोनिया गांधी ने मोर्चा संभाल लिया है. सोनिया गांधी ने साफ कहा कि इस मसले पर मैं खुद लड़ाई लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हूं.

सोनिया गांधी,पूर्व अध्यक्ष और सांसद
वहीं पार्टी ने इन मुद्दों को लेकर 27 दिसंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की एक अहम बैठक भी बुलाई है. बैठक में इन मसलों पर आगे लड़ाई लड़ने की रणनीति पर मंथन होगा. अरावली मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस चार राज्यों में अपनी स्थिति को भी सुधारने की प्लानिंग कर रही है. जल्द ही गुजरात,राजस्थान,हरियाणा और दिल्ली में कांग्रेस संगठन बड़ा विरोध करेंगे. कुल मिलाकर एक्सपर्ट का मानना है कि अगर कांग्रेस इन मसलों पर असरदार औऱ प्रभावी आंदोलन करती है तो यकीनन उसे जनसमर्थन भी मिलेगा. अब देखना है कि कांग्रेस थिंक टैंक कैसे इन मसलों को सियासी रुप से भुनाने में कामयाब होते हैं.