Madhya Pradesh: RSS के कार्यक्रम में सरकारी अधिकारियों के शामिल होने को लेकर कांग्रेस और भाजपा में तकरार

Madhya Pradesh: RSS के कार्यक्रम में सरकारी अधिकारियों के शामिल होने को लेकर कांग्रेस और भाजपा में तकरार

भोपालः मध्य प्रदेश के सतना जिले में हाल में हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यक्रम में कुछ सरकारी अधिकारियों के शामिल होने की तस्वीर सामने आने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है. कांग्रेस के एक सांसद ने मांग की कि ऐसे अधिकारियों को इस साल के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों से दूर रखा जाए, जबकि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता ने दावा किया कि यह केवल आरएसएस के लिए कांग्रेस की नफरत को दर्शाता है. 

तस्वीर में सतना जिलाधिकारी अनुराग वर्मा और सतना नगर निगम आयुक्त राजेश शाही 11 जून को आयोजित आरएसएस के एक कार्यक्रम के दौरान प्रार्थना में भाग लेते दिख रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि सतना जिलाधिकारी और नगर निकाय आयुक्त ने आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा लिया और उसके ध्वज को प्रणाम भी किया. उन्होंने कहा, यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि ऐसे अधिकारी इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में बिना किसी पक्षपात के अपना कर्तव्य निभाएंगे. उनका व्यवहार लोक सेवकों के आचरण के खिलाफ है. 

अधिकारियों ने कोई असंवैधानिक कार्य नहीं किया- भाजपा
मिश्रा ने कहा, हम केंद्र के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से इसकी शिकायत करने जा रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने मांग की कि भारत निर्वाचन आयोग ऐसे अधिकारियों को विधानसभा चुनाव की तैयारियों से दूर रखे. हालांकि, भाजपा के प्रदेश सचिव रजनीश अग्रवाल ने बताया कि अधिकारियों ने कोई असंवैधानिक कार्य नहीं किया है. 

उन्होंने दावा किया, आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा लेना गैरकानूनी या असंवैधानिक नहीं है और यह आचार संहिता का उल्लंघन भी नहीं करता है. संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत काम करने वाला आरएसएस एक लोकतांत्रिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है. अगर कांग्रेस किसी संगठन को नफरत की नजर से देखती है तो यह कांग्रेस की गलती है, न कि अधिकारियों की. 

अग्रवाल ने कहा कि कानून के तहत इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का कोई आधार नहीं है. उन्होंने कहा, यह विशुद्ध रूप से कांग्रेस का नफरत का एजेंडा है. कई पेशेवर, नौकरशाह और न्यायपालिका से जुड़े लोग आरएसएस के साथ काम करते हैं. गौरतलब है कि अधिकारियों की यह तस्वीर 11 जून को आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के एक कार्यक्रम की थी.

कार्यक्रम में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उपाध्यक्ष अच्छेलाल कुशवाहा मुख्य अतिथि थे. सतना जिलाधिकारी वर्मा ने पहले कहा था कि वह प्रोटोकॉल के अनुसार कार्यक्रम में मौजूद थे क्योंकि कार्यक्रम में मंत्रियों सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे. सोर्स भाषा