डीडवाना: दहेज के लिए पत्नी को प्रताड़ित करने के बाद केरोसिन डालकर आग लगाकर हत्या कर देने वाले आरोपी पति को डीडवाना जिले के कुचामन सिटी के एडीजे कोर्ट में न्यायाधीश सुंदर लाल खारोल ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मामला डीडवाना जिले के चितावा थाना क्षेत्र के घाटवा का है.
अपर लोक अभियोजक एडवोकेट दौलत खान ने बताया की चितावा थाने में आईपीसी 498ए और 302 में दर्ज दहेज हत्या मामले में अपर सेशन न्यायाधीश सुंदर लाल खारोल ने धारा 302 के तहत आरोपी करण सिंह निवासी घाटवा को आजीवन कारावास के साथ एक लाख रुपए के अर्थ दंड का फैसला सुनाया है इसके साथ ही धारा 498ए के मुताबिक 3 साल के साधारण कारावास और 5000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया है . फैसले में जुर्माना राशि जमा होने के बाद मृतका विमलाकंवर के माता-पिता को बतौर क्षतिपूर्ति दिये जाने का आदेश दिया गया है.
अपर लोक अभियोजक एडवोकेट दौलत खान ने बताया की साल 2018 में 19 जुलाई को को पुलिस थाना चितावा के ए.एस.आई. रेवन्तसिंह को चिरायु अस्पताल, कालवाड रोड, जयपुर में ईलाज के लिए भर्ती पीड़िता विमला कंवर पत्नी करण सिंह निवासी घाटवा, पुलिस थाना चितावा ने पर्चा बयान दिए की उसके बच्चे नहीं होने के कारण उसका पति उसे शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडित करता था. दिनांक 18-07-2018 को शाम को करीब 05:30 बजे उसके पत्ति करणसिंह से झगड़ा हुआ. उस समय उसके ससुर नवलसिंह व उसकी सास घर पर नहीं थे. उसके उपर उसके पति करणसिंह ने केरोसीन डालकर माचिस से उसके आग लगा दी,
जिससे वह जल गई. उसके सास-ससुर का कोई दोष नहीं है. उसके पति द्वारा ही उसे जलाया गया है. इस पर्चा बयान के आधार पर पुलिस थाना चितावा पर प्रथम सूचना संख्या 114/2018 संस्थित की जाकर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया एवं दौराने ईलाज दिनांक 31-07-2018 को पीड़िता विमलाकंवर की मृत्यु हो गयी. बाद अनुसंधान अभियुक्त करणसिंह के विरूद्ध अपराध धारा 498ए, 302 भारतीय दण्ड संहिता के आरोप में आरोप-पत्र न्यायालय में पेश किया गया. इस प्रकरण में पाँच साल तक चले मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 18 गवाह पेश किए गए और 23 दस्तावेजात को प्रदर्शित कराया गया.