नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका खारिज करने के सूरत की अदालत के फैसले को न्यायपालिका व लोगों की 'जीत' और ‘गांधी परिवार के अहंकार पर तमाचा’ करार दिया. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘अदालत का फैसला गांधी परिवार, खासकर राहुल गांधी के अहंकार पर तमाचा है. उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अदालत का फैसला यह भी साबित करता है कि कानून सभी के लिए बराबर है और वह किसी भी प्रकार के दवाब के आगे झुकता नहीं है. पात्रा ने कहा, ‘‘आज के फैसले से एक बात स्पष्ट है कि इस देश में संविधान का राज है, परिवार का राज नहीं है. और किसी भी परिवार के लिए अलग कानून नहीं हो सकता.’’
उन्होंने राहुल गांधी को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अभी भी मौका है अहंकार को छोड़िए, देश के सामने ओबीसी समाज से क्षमा याचना कीजिए कि जो मैंने किया, गलत किया, मुझे यह नहीं करना चाहिए था. गुजरात में सूरत की एक सत्र अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ वाले बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर. पी. मोगेरा की अदालत ने राहुल की दोषसिद्धि पर रोक संबंधी अर्जी आज खारिज कर दी. गत 23 मार्च को सूरत की एक निचली अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी जिसके एक दिन बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दे दिया गया था. पात्रा ने कहा, ‘‘यह भारत के आम लोगों और पिछड़े वर्गों की जीत है. यह न्यायपालिका की भी एक बड़ी जीत है.’’ उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद देश में ‘जश्न का माहौल’ है. पात्रा ने आरोप लगाया कि पिछले महीने इस मामले में गांधी को दोषी ठहराए जाने के बाद कांग्रेस अपने पारिस्थितिकी तंत्र को एकजुट कर रही थी ताकि ‘‘न्यायपालिका के खिलाफ आंदोलन चले और यहां तक कि उसकी ओर से भारत के खिलाफ बयान जारी कराए गए.’’
भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के पारिस्थितिकी तंत्र ने ऐसा माहौल बनाया कि निचली अदालत के फैसले में गांधी के खिलाफ पक्षपात किया गया.’’ राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर सवाल उठाने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए पात्रा ने कहा, ‘‘न्यायपालिका ने आज कहा कि आप चाहे कितनी भी दबाव की राजनीति करें, हम झुकेंगे नहीं. उन्होंने कहा कि आज दो लोगों की हार हुई हैं. एक तो गांधी परिवार का अहंकार और दूसरा उसका पूरा पारिस्थितकी तंत्र, जो गांधी परिवार के बचाव में सड़कों पर उतर आता है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इस पारिस्थितिकी तंत्र में देश और विदेश के कुछ बहुत बड़े लोग शामिल हैं जो गांधी परिवार के अहंकार के बचाव में तेजी से सामने आते हैं. कांग्रेस के 52 वर्षीय नेता राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए चुने गए थे, लेकिन पिछले महीने निचली अदालत ने भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर मामले में उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई थी. सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद राहुल को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
पात्रा ने कहा कि निचली अदालत ने मानहानि मामले में अपना फैसला सुनाने से पहले गांधी को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने का मौका दिया था लेकिन कांग्रेस नेता ने जवाब दिया कि ‘माफी शब्द उनके शब्दकोश में नहीं है’. उन्होंने कहा, ‘‘राहुल जी, आपने उच्चतम न्यायालय के सामने माफी मांगी. इसलिए यह मत कहिए कि माफी शब्द आपके शब्दकोश में नहीं है.’’ कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए जारी भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में दक्षिण बेंगलुरु के सांसद तेजस्वी सूर्या का नाम ना होने को लेकर विपक्ष के हमलों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पात्रा ने कहा कि कांग्रेस को सूर्या की नहीं बल्कि राहुल गांधी की चिंता करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी ओर से (कांग्रेस को) बिन मांगी सलाह है कि कृपया इस पर ज्यादा विचार न करें कि भाजपा क्या कर रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी एक बार फिर कर्नाटक और भारत के लोगों के सामने बेनकाब हो गए हैं. जिस तरह से उन्होंने ओबीसी समुदाय पर हमला किया था, अदालत ने उनकी सजा को कम करना उचित नहीं समझा. यह दर्शाता है कि कांग्रेस आज बहुत चिंतित है. सोर्स- भाषा