Dholpur: दमोह बना पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र, 250 फीट की ऊंचाई से गिरने वाले झरने को देखने आने लगे विदेशी टूरिस्ट

Dholpur: दमोह बना पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र, 250 फीट की ऊंचाई से गिरने वाले झरने को देखने आने लगे विदेशी टूरिस्ट

सरमथुरा: कस्बा से करीब 8 से 10 किमी दूर करीब दमोह 250 फीट की ऊंचाई से गिर रहा पानी का झरना और नीचे बैठकर उसमें नहाना कुछ ऐसा ही नजारा मंसूरी के कैंप्टीफॉल में देखने को मिलता है, लेकिन धौलपुर जिलेवासियों के लिए सरमथुरा का दमोह मसूरी के कैंप्टीफॉल से भी कम नहीं है. 

बारिश शुरू होते ही दमोह का झरना भी शुरू हो गया है. ऐसे में धौलपुर के कैंप्टीफॉल का मजा लेने के लिए सैकड़ों की संख्या में भी लोग पहुंचने लगे हैं. मसूरी को पहाड़ों की रानी कहा जाता है, जहां गिरने वाला झरना लोगों को आकर्षित करता है. वहीं सरमथुरा में हरियाली की गोद में समाया दमोह झरना देखने के बाद लोगों को प्रफुल्लित कर देता है. दोनों ही झरने प्रकृति की देन हैं. 

मगर दोनों झरनों में भिन्नता बहुत है. दमोह झरना तक पहुंचने के लिए सैलानियों को कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है. ऊबड़-खाबड़ रास्ता, पथरीला इलाका, जंगली जानवरों की दहशत सहित मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. दमोह झरना पर सैलानियों की सुरक्षा के लिए कोई प्रबंध नहीं है.जिसके कारण सैलानी दमोह झरना पर अपने आपको असुरक्षित महसूस करता है.

पर्यटक दमोह झरना तक गिरता-फिसलता हुआ चट्टानों के सहारे झरना तक पहुंच जाता है. दमोह झरना की ऊंचाई 250 मीटर से अधिक है. जिसे प्रकृति हरियाली चट्टानों में समेटे हुए है. दमोह झरने की विशेषता यह है कि बरसात होने पर पर्यटक बिल्कुल सुरक्षित रहता है जो प्रकृति की देन है.