जयपुरः राजधानी में हाईकोर्ट के सामने जेडीए का भूमिगत प्रोजेक्ट लेटलतीफी का शिकार है. यही कारण है कि शहर के लोगों को प्रोजेक्ट पूरा होने के लिए अभी साढ़े तीन महीने का और इंतजार करना पड़ेगा. इस इंतजार के अलावा प्रोजेक्ट में हो रही लेटलतीफी वाहन चालकों को भारी पड़ रही है. क्या है पूरा मामला.
प्रदेश की पिछली कांग्रेस सरकार के समय राजधानी में हाईकोर्ट के सामने भूमिगत पार्किंग प्रोजेक्ट शुरू किया गया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 21 सितंबर 2023 को 50 करोड़ रुपए की लागत से 500 वाहनों की क्षमता का पार्किंग प्रोजेक्ट शुरू किया गया था. यह प्रोजेक्ट इस वर्ष अप्रेल में ही पूरा होना था. लेकिन कई कारणों के चलते यह प्रोजेक्ट निर्धारित डेडलाइन बीतने के बावजूद आज भी अधूरा है. आपको सबसे पहले इस प्रोजेक्ट की देते हैं पूरी जानकारी
-हाईकोर्ट परिसर और इसके आस-पास की पार्किंग समस्या के समाधान के लिए यह भूमिगत पार्किंग प्रोजेक्ट प्रस्तावित किया गया है
-हाईकोर्ट परिसर के सामने गोल्फ क्लब परिसर की मौजूदा पार्किंग के नीचे प्रोजेक्ट का काम किया जा रहा है
-भूमिगत पार्किंग प्रोजेक्ट से हाईकोर्ट परिसर की सीधी कनेक्टिविटी के लिए प्रोजेक्ट के तहत अंडरपास भी निर्मित किया गया
-ताकि पार्किंग में वाहन खड़े कर वाहन चालक बिना सड़क क्रॉस करे अंडरपास से सीधे हाईकोर्ट तक जा सकें
-21 सितंबर 2023 को जब प्रोजेक्ट का काम शुरू किया गया था तब इसे पूरा करने की डेडलाइन अप्रेल 2025 थी
-यह पार्किंग प्रोजेक्ट हाईटेक होगा
-वाहन चालकों का यहां पहुंचते ही पता चल जाएगा कहां कितना पार्किंग स्पेस उपलब्ध है
-इसका पता वाहन चालकों को यहा लगे डिस्प्ले बोर्ड से लग जाएगा
-इसके अलावा प्रोजेक्ट से संबंधित एक मोबाइल एप भी होगा
-इस एप से भी यहां उपलब्ध पार्किंग स्पेस का पता चल सहेगा
-साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन चालकों को चार्जिंग स्टेशन की उपलब्धता का पता चल सकेगा
-प्रोजेक्ट के तहत यहां 100 चार्जिंग स्टेशन भी लगाए जाएंगे
यह प्रोजेक्ट अपनी शुरूआत से ही लेटलतीफी का शिकार रहा है. इस प्रोजेक्ट को पूरा होने के लिए शहर के लोगों को साढ़े तीन महीने का और इंतजार करना पड़ेगा. प्रोजेक्ट में देरी तो ही रही है लेकिन यह देरी जनपथ से गुजरने वाले वाहन चालकों को भारी पड़ रही है. आपको विस्तृत तौर पर इस बारे में देते हैं जानकारी
-प्रोजेक्ट के शिलान्यास के बाद अनुबंधित फर्म की ओर से स्ट्रक्चर डिजाइन देने में देरी की गई है
-इसके चलते प्रोजेक्ट में डायफ्राम वॉल बनाने का काम काफी दिन बाद शुरू हो पाया
-हांलाकि करीब 90 प्रतिशत सिविल वर्क हो चुका है पूरा
-लेकिन लिफ्ट लगाने व बिजली संबंधी कार्य में हुई देरी
-इस कार्य की लागत का पहले नहीं हुआ उचित आकलन
-इसके चलते इस कार्य की लेनी पड़ी संशोधित प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति
-इन कारणों के चलते लिफ्ट व बिजली संबंधी कार्य में हो रही है देरी
-जेडीए का प्रयास बिजली का काम अगस्त तक पूरा करने और
-लिफ्ट लगाने का काम 30 सितंबर तक पूरा करने का है
-ऐसे में 500 वाहनों की पार्किंग वाले इस प्रोजेक्ट के लिए करना होगा इंतजार
-शहर के लोगों को अभी और साढ़े तीन महीने का करना पड़ेगा इंतजार
-लेकिन प्रोजेक्ट में रही ये देरी जनपथ से गुजरने वाले वाहन चालको को भारी पड़ रही है
-सड़क की एक लेन से अधिक जगह को कर रखा है अवरूद्ध
-अनुबंधित फर्म ने निर्माण सामग्री डालकर कर रखा है अवरूद्ध
-सड़क पर ही पड़ी हुई है रोड़ी और ईंट व अन्य निर्माण सामग्री
-एक लेन से अधिक अधिक सड़क बंद होने से वाहन चालकों को आवागमन में हो रही परेशानी
-प्रोजेक्ट के तहत अंडरपास के निर्माण के समय जनपथ पर आधी सड़क रोकी गई थी
-लेकिन काफी समय पहले अंडरपास का काम हो चुका है पूरा
-इसके बावजूद सड़क के एक हिस्से को कर रखा है "बंद"