धौलपुर: जिले की एससी-एसटी कोर्ट ने बहुचर्चित 4 लोगों की गोली मारकर हत्या करने के मामले में आज ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए एक मुलजिम को फांसी की सजा सुनाई है. साथ में दस लाख के अर्थदंड से भी दंडित किया है.
एससी एसटी कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक माहिर हसन रिजवी ने बताया कि 9 जुलाई 2008 को पीड़ित जयपाल पुत्र रतन लाल जाटव निवासी धोन्धे का पूरा ने बाड़ी पुलिस थाने पर एक रिपोर्ट दर्ज कराई जिसमें उसने बताया कि उसके पिता रतनलाल, ताऊ नत्थीलाल, चाचा रामस्वरूप और भाई भंवर लाल, पप्पू नरेगा योजना से बन रही सड़क पर काम करने आए थे. तभी कीर्तिराम पुत्र जालिम गुर्जर निवासी धोन्धे का पुरा, सुरेश गुर्जर विक्रम, चंद्रभान उर्फ अट्टा, पूरन भगवान सिंह, राजू, गुड्डू,कल्ला, सुरेश ठाकुर और बच्चू सिंह सभी हथियारों से लैस होकर एक राय होकर पहुंच गए.
मामले में सात मुलजिम जमानत के बाद से फरार चल रहे:
इस दौरान आरोपियों ने झगड़ा शुरू कर दिया और गाली गलौज देते हुए अवैध हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी. फायरिंग में नत्थी लाल, रतनलाल, रामस्वरूप और रामवीर की मौके पर ही मौत हो गई जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर न्यायालय में 11 आरोपितों को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया. मामले में आज सुनवाई करते हुए विशिष्ट न्यायाधीश नरेंद्र मीणा ने मुलजिम कीर्ति राम को फांसी की सजा सुनाई है और दस लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया है. मामले में तीन आरोपी जेल में सजा काट रहे हैं और सात मुलजिम जमानत के बाद से फरार चल रहे हैं.