जयपुरः परिवहन विभाग में गड़बड़ियों को रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई नए बदलाव किए हैं, प्रवर्तन से जुड़े काम को विभाग ने अब काफ़ी डिजिटल बना दिया है
राजस्थान में परिवहन विभाग ने प्रवर्तन कार्य को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल की है. अब व्यावसायिक वाहनों के प्रमुख उल्लंघनों के चालान पूरी तरह डिजिटल माध्यम से बनने शुरू हो गए हैं. विभाग ने जानकारी दी कि आज से बिना परमिट, बिना टैक्स, बिना पीयूसी, बिना फिटनेस और बिना इंश्योरेंस के चल रहे कॉमर्शियल वाहनों के चालान ई-डिटेक्शन प्रणाली से सीधे टोल बूथ से ही बनाए जा रहे हैं. यह तकनीक विभाग के प्रवर्तन कार्य को न केवल तेज़ बनाएगी बल्कि भ्रष्टाचार की संभावनाओं को भी कम करेगी.विभागीय अधिकारियों के अनुसार, अब पांच प्रकार के प्रमुख यातायात और दस्तावेजी उल्लंघनों की ऑनलाइन चालानिंग की व्यवस्था लागू हो गई है. वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन कर स्वचालित रूप से वाहनों की जानकारी केंद्रीय डेटाबेस से मिलान की जाती है. यदि वाहन के दस्तावेज अपडेट नहीं हैं या परमिट एवं टैक्स बकाया है, तो सिस्टम तुरंत चालान जनरेट कर देता है. इस प्रक्रिया में किसी मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती, जिससे प्रवर्तन कार्य और भी पारदर्शी हो गया है.इस कदम से विभाग का फील्ड प्रवर्तन कार्य अधिक सुविधाजनक और तकनीक आधारित हो गया है. अधिकारी बताते हैं कि अब केवल ओवरलोड वाहनों को ई-डिटेक्शन प्रणाली में शामिल किया जाना शेष है. जैसे ही ओवरलोड की जांच भी डिजिटल माध्यम से शुरू होगी, परिवहन विभाग का लगभग पूरा प्रवर्तन कार्य ऑनलाइन हो जाएगा. इससे न केवल समय और संसाधनों की बचत होगी बल्कि सड़क सुरक्षा मानकों को भी मजबूती मिलेगी.
डिजिटल चालान प्रणाली के लागू होने से परिवहन विभाग को मैनुअल कार्रवाई पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. अब वाहन चालक को तुरंत ऑनलाइन चालान प्राप्त होगा और चालान राशि का भुगतान भी डिजिटल मोड से किया जा सकेगा. इससे चालकों में दस्तावेज़ों को नियमित रखने की प्रवृत्ति बढ़ेगी और यातायात नियमों की बेहतर पालना होगी.विभागीय अधिकारियों का मानना है कि इस प्रणाली से सड़क सुरक्षा को सीधा लाभ मिलेगा. अमानक वाहन, बिना फिटनेस या बिना बीमा के सड़क पर नहीं चल सकेंगे, जिससे सड़क हादसों में कमी आने की संभावना है. साथ ही विभाग का राजस्व भी बढ़ेगा क्योंकि बिना टैक्स या बिना परमिट चलने वाले वाहनों को स्वचालित रूप से पकड़ा जा सकेगा.परिवहन विभाग द्वारा शुरू की गई यह पहल भविष्य में स्मार्ट इन्फोर्समेंट की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इसी तकनीक को देशभर में लागू किया जाए तो सड़क सुरक्षा, परिवहन व्यवस्था और शासन की दक्षता में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया जा सकता है.कुल मिलाकर, ई-डिटेक्शन आधारित ऑनलाइन चालानिंग प्रणाली परिवहन विभाग के प्रवर्तन कार्य में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी.