जयपुर: राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. आज पेपर लीक प्रकरण पर चर्चा खत्म हुई. मंत्री शांति धारीवाल ने सरकार की तरफ से जवाब दिया. पेपर लीक में CBI जांच की मांग को लेकर मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि पिछले 10 साल में 12 केस CBI को भेजे गए. उनमें से 10 केस दर्ज किए. जिनमें 7 में क्लोज़र रिपोर्ट दे दी. 1 को दोषमुक्ति और 2 अभी भी इन्वेस्टिगेशन में चल रहे.
कालीचरण जी खुद सीबीआई से डरते हैं. धारीवाल ने शिवानी कांड का नाम लिया. तब कालीचरण जी मंत्री थे. तब भैरों सिंह जी ने कहा था. मामला सीबीआई में नहीं जाता तो राज्य सरकार कड़ी कार्रवाई कर सकती थी. मामला सीबीआई को दिया तो 15 साल तक परीक्षा नहीं हो पाएगी. बच्चों का भविष्य ही खराब हो जाएगा. आज भी डे-टू-डे मॉनिटरिंग हो रही है. CBI मांग को खारिज करता हूं, क्योंकि राजस्थान पुलिस सक्षम है.
मंत्री शांति धारीवाल जवाब ने कहा कि पहली बार नकल विरोधी टीम का गठन SOG ने किया. इससे जुड़े हर अपराध को गैर जमानती बनाया. किसी भी राज्य में इतना कठोर कानून नहीं है. धारीवाल ने राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का जिक्र किया. मदन दिलावर को इशारा करते हुए धारीवाल ने कहा कि किसी भी मंत्री,अधिकारी के खिलाफ यदि कोई सबूत है तो हमें दीजिए. उसकी भी जांच हो जाएगी. केवल बोलने से कुछ नहीं होगा. सदन को गंभीरता से लेना चाहिए.
शांति धारीवाल ने कहा कि 10 प्रतियोगी परीक्षाओं के मामले पिछली सरकार में सामने आए थे. वर्तमान सरकार में 10 मामले सामने आए हैं. सार्वजनिक परीक्षा बिल पास हुआ, जिसे कठोर बनाया गया था. पुराने और नए एक्ट को लेकर जानकारी रखी. पेपर लीक आपकी सरकार में हुए आपने गंभीरता से नहीं लिया. न ही कोई प्रभावी कदम उठाया. हमारी सरकार ने कानून बनाकर 10 वर्ष तक की सज़ा का प्रावधान किया.