जयपुर: कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की दिशा में हाईकमान चाहता है कि अब फैसले दिल्ली से नहीं बल्कि राज्यों और जिलों से हो.लिहाजा इसके लिए जिला अध्यक्षों को फिर से पावरफुल बनाने का एक्शन प्लान तैयार किया है.सभी 780 जिला अध्यक्षों तीन दिन के लिए दिल्ली में मंथन करने के लिए बुलाया है.राजस्थान के जिला अध्यक्षों को 3 अप्रैल को मंथन के लिए दिल्ली बुलाया गया है.
कांग्रेस हाईकमान इन दिनों पार्टी के सुनहरे दिन वापस लाने की कवायद में जुटा हुआ है.राहुल गांधी चाहते है कि पार्टी के फैसले अब दिल्ली दरबार से नहीं नीचे ग्राउंड से होना चाहिए.लिहाजा इसके लिए 1970 के दशक की तरह जिला अध्यक्षों को फिर से जिंदा करने का एक्शन प्लान बनाया है.कांग्रेस हाईकमान अब सीधे जिला अध्यक्षों से संवाद करते हुए इस दिशा में आगे बढेगा.
कांग्रेस में फिर से जिंदा होंगे जिला अध्यक्ष:
-हाईकमान जिला अध्यक्षों के साथ करेगा मंथन
-सभी 780 जिला अध्यक्षों को बुलाया दिल्ली
-27,28 मार्च और 3 अप्रैल को जिला अध्यक्षों के साथ होगा संवाद
-राहुल गांधी,खड़गे औऱ वेणुगोपाल करेंगे चर्चा
-राजस्थान के जिला अध्यक्षों को बुलाया 3 अप्रैल की बैठक में
-हर बैठक में रहेंगे 250-250 जिला अध्यक्ष मौजूद
-कांग्रेस हाईकमान जिला अध्यक्षों के सुझाव पर करेगा फिर रिपोर्ट तैयार
-रिपोर्ट के आधार पर गुजरात अधिवेशन में होगा फिर प्रस्ताव पारित
दरअसल एक दौर था जब कांग्रेस में जिला अध्यक्ष बेहद पावरफुल होते थे.उनकी सिफारिश पर चुनाव की टिकटों का वितरण होता था.लेकिन बाद में जिला अध्यक्षों से पावर पीसीसी औऱ फिर एआईसीसी के पास चली गई.लिहाजा कांग्रेस के जिला अध्यक्षों के जंग लग गई.जिलों के कप्तान के कमजोर होते ही फिर जमीन पर कांग्रेस की ताकत भी टूट गई.अब हाईकमान को समझ में आ गया है कि दिल्ली दरबार से पार्टी चलाने से काम नहीं लगेगा.लिहाजा कांग्रेस ने पुराने फार्मूले को फिर से लागू करने का फैसला लिया है. जिला अध्यक्षों को किस तरह पावरफुल बनाया जाएगा.उन्हें क्या-क्या शक्तियां दी जाएगी.यह तो अगहे माह गुजरात में अगले माह होने वाले अधिवेशन से पता चलेगा.लेकिन सियासी जानकारों का मानना है कि कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की राह में जिला अध्यक्षों को मजबूत करने का फैसला यकीनन एक मास्टरस्ट्रोक साबित होगा.