जयपुर : उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को विशेष अभियान चला कर दुर्घटना सम्भावित क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत, अतिक्रमण हटाने, स्पीड ब्रेकर ठीक करवाने, जेबरा क्रोसिंग,साईनेंज सहित अन्य आवश्यक सुविधायें विकसित करने के निर्देश दिए है. उपमुख्यमंत्री गुरुवार को निर्माण भवन में आयोजित समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रही थी.
उपमुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को नियमित फिल्ड विजिट कर सड़कों की गुणवत्ता जांच करने के निर्देंश दिए है. उन्होनें निर्देश दिए है कि अधिकारी जिन सड़कों का निरीक्षण करेंगे उसकी रिर्पोट हर सात दिन में प्रस्तुत करेंगे. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यदि निरीक्षण की गई सड़को की गुणवत्ता खराब मिलेगी तो निरीक्षण करने वाले अधिकारी की जिम्मेदारी तय होगी.
उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि कार्बन फुट प्रिंट कम करने के लिए सड़क निर्माण में पर्यावरण हितैषी सामग्री का इस्तेमाल करें. उन्होनें बायो बिटूमिन का प्रयोग कर एक सड़क पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए है. उपमुख्यमंत्री ने नोन पेचेबल, पेचेबल सड़को, बजट घोषणाओं कि क्रियान्विति सहित विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान राज्य मंत्री डॉ. मजू बाघमार, प्रमुख शासन सचिव प्रवीण गुप्ता, शासन सचिव डी आर मेघवाल, मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव टी सी गुप्ता सहित सभी मुख्य अभियंता, अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं वीसी के माध्यम से सभी अधीक्षण अभियंता उपस्थित रहे.
डीपीआर निर्माण सेंट्रलाइज्ड हो, ताकि प्रोजेक्टस समय पर पूरे हो- उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि बजट घोषणाओं सहित अन्य योजनाओं के तहत बनने वाले पुल, सड़क आदि की डीपीआर बनाने का कार्य सेंट्रलाइज्ड किया जाये ताकि समय पर प्रोजेक्टस को शुरू करवाकर उन्हें तय अवधि में पूरा किया जा सकें. उन्होनें कहा प्राय देखने में आता है कि स्थानीय स्तर पर डीपीआर बनाने के काम में देरी होने की वजह से काम समय पर शुरू नही हो पाते है और जनता को उसका तय समय पर लाभ नही मिल पाता है. सड़क पर दृश्यता बढ़ाने के उद्देश्य से सड़क के शोल्डर्स की जंगल क्लियरेंस के कार्य, सड़क भूमि पर अतिक्रमण हटाने हेतु जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर आवश्यक कार्यवाही, अनाधिकृत मीडियन कट को बंद किया जाना, रोड साइनेज व लेन मार्किंग के कार्य को प्राथमिकता के साथ पूर्ण करना, जंक्शन्स पर कैट्स ऑय लगाने व रम्बल स्ट्रिप्स के कार्य,घुमंतू जानवरों की रोकथाम हेतु स्थानीय निकाय से समन्वय कर सडको से दूर करना तथा एनजीओ अथवा रक्षा मित्र के साथ मिलकर कालर रिफ्लेक्टर लगाने सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्य किए जायेगें. इसके साथ ही सड़क मिडियन पर लगे पेडों की ऊंचाई एक निश्चिित हाईट के बाद छटाई करवाने के कार्य भी किए जायेगें.
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने बताया कि वर्षा से क्षतिग्रस्त सड़कों की स्थाई मरम्मत के लिए 964.43 करोड़ रुपये की वित्तिय स्वीकृति जारी कर दी गई है इस राशि से प्रदेश में वर्षा से क्षतिग्रस्त लगभग 2328 कार्यों की स्थायी मरम्मत करवाई जायेगी. इस राशि से सड़क पुल की मरम्म्त करवाई जायेगी.