देहरादून: उत्तराखंड में केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट छह माह बंद रहने के बाद शुक्रवार को श्रद्धालुओं के लिए दोबारा खोल दिए गए. इस दौरान हजारों भक्तों के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) की मौजूदगी में पहला रूद्राभिषेक लोककल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) के नाम से हुआ.
‘बम-बम भोले’ और ‘बाबा केदार की जय’ के उद्घोष के साथ वृष लग्न में सुबह 06.25 बजे विधि-विधान से विशेष पूजा-अर्चना के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के बीच केदारनाथ मंदिर का मुख्य द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया.
इस अवसर पर मंदिर को भव्य रूप से नौ क्विंटल फूलों से सजाया गया था. सेना की मराठा रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ देश-विदेश से आए 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के साथ ही धामी और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी मंदिर के कपाट खुलने के साक्षी बने.
कपाट खुलने की तैयारी तड़के 4.30 बजे से शुरू हो गई थी, जब श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, वेदपाठी आचार्यों, गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार, रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित सहित वरिष्ठ धार्मिक और प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरब द्वार से मंदिर के सभामंडप में प्रवेश किया.
पांच बजे से मंदिर के गर्भगृह के द्वार का पूजन शुरू हुआ:
पांच बजे से मंदिर के गर्भगृह के द्वार का पूजन शुरू हुआ, जिसके समाप्त होने के बाद केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए. कपाट खुलते ही केदारनाथ भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से जागृत किया गया और बाबा का श्रृंगार दर्शन शुरू हुआ, जिसके बाद पहला रूद्राभिषेक प्रधानमंत्री के नाम से लोककल्याण के लिए किया गया.
बदरीनाथ के कपाट आठ मई को खुलेंगे:
मंदिर परिसर में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं के अलावा हेलीकॉप्टर एवं पैदल मार्ग से श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला जारी है. धामी ने केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दीं और कामना की बाबा केदार की कृपा जनमानस पर बनी रहे. तीन मई को अक्षय तृतीया के अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा शुरू हुई थी. एक अन्य धाम बदरीनाथ के कपाट आठ मई को खुलेंगे.