डूंगरपुर: स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने एक नाबालिग के अपहरण के दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी पर 2 लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. नाबालिग ने कोर्ट में सहमति से साथ जाने की बात बताई. लेकिन कोर्ट ने माना की नाबालिग की सहमति मायने नहीं रखती और उसे सजा सुनाई है.
स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने सरकारी वकील योगेश जोशी ने बताया कि 22 फरवरी 2022 को नाबालिग पीड़िता के पिता की ओर से रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी. इसमें बताया कि उसकी नाबालिग बेटी (15) स्कूल पढ़ने जा रही थी. उस समय स्कूल के बाहर खड़ा आरोपी संजय (22) पुत्र दोलतराम निवासी शिशोद फला अंबाव उसे बाइक पर बैठाकर भगा ले गया. लड़की के वापस घर नहीं आने पर परिवार के लोगों ने तलाश की, लेकिन कोई पता नही लगा. इस पर पुलिस ने छानबीन करते हुए नाबालिग को 24 फरवरी 2022 को दस्तयाब कर लिया.
नाबालिग होने से उसके सहमति और असहमति के मान्य नहीं होने की आदेश दिए:
मामले में पुलिस ने जांच पूरी करते हुए पॉक्सो कोर्ट में चालान पेश किया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान नाबालिग पीड़िता ने आरोपी युवक के साथ सहमति से जाने के बात बताई. वहीं कोर्ट ने पीड़िता के नाबालिग होने से उसके सहमति और असहमति के मान्य नहीं होने की आदेश दिए. वहीं कोर्ट ने आज शुक्रवार को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी संजय को दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. जबकि दोषी पर 2 लाख 50 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है.