जयपुरः जयपुर शहर में बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के चल रहे ई-रिक्शा के खिलाफ परिवहन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की शुरुआत कर दी है. आरटीओ प्रथम राजेंद्र शेखावत के निर्देशन में तैयार की गई योजना के तहत करीब 25 हज़ार से अधिक ई-रिक्शा के पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है. इनमें अनुमानित 20 हज़ार ई-रिक्शा निकट भविष्य में सड़कों से हटाए जा सकते हैं.
शहर में इस समय ई-रिक्शा की चार सीरीज—ईपी, ईक्यू, ईआर और ईटी—चालू हैं. इनमें करीब 30 हज़ार से अधिक ई-रिक्शा पंजीकृत हैं. परिवहन विभाग की जांच में सामने आया है कि इनमें से अधिकांश ई-रिक्शा बिना वैध फिटनेस प्रमाण पत्र के ही शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं. यह न केवल मोटर वाहन अधिनियम का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था के लिए भी खतरा है.परिवहन विभाग ने अब वाहन मालिकों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है. नोटिस में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि निर्धारित समयावधि में फिटनेस प्रमाण पत्र का नवीनीकरण कराना अनिवार्य होगा. मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 56 के अनुसार हर परिवहन वाहन के लिए फिटनेस जरूरी है. यदि वाहन मालिक ऐसा नहीं करते हैं, तो धारा 53 के तहत उनका पंजीकरण निलंबित कर दिया जाएगा. वहीं, यदि छह माह तक फिटनेस नवीनीकरण नहीं कराया गया तो धारा 54 के अनुसार पंजीकरण स्वतः रद्द मान लिया जाएगा.
हज़ारों ई-रिक्शा कार्रवाई के दायरे मेंः
आरटीओ प्रथम राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि पहले चरण में ही हज़ारों ई-रिक्शा कार्रवाई के दायरे में लिए जाएंगे. अधिकारियों का मानना है कि यह कदम जयपुर की बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने, सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण रखने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगा. गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में जयपुर शहर में ई-रिक्शा की संख्या तेजी से बढ़ी है. लेकिन, उनकी तकनीकी जांच और नियमित फिटनेस नवीनीकरण में वाहन मालिकों और विभाग दोनों की ओर से भारी लापरवाही हुई. इसी कारण अब यह सख्त कदम उठाना जरूरी हो गया है. परिवहन विभाग ने साफ कर दिया है कि बिना फिटनेस प्रमाण पत्र कोई भी वाहन सड़क पर नहीं चल पाएगा, चाहे वह किसी भी व्यक्ति का क्यों न हो. विभाग की इस कार्रवाई के बाद हजारों ई-रिक्शा चालक प्रभावित होंगे, वहीं यात्रियों की सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा रही है.