VIDEO: ई-रिक्शा होंगे Controlled ! जयपुर  RTO प्रथम ने परिवहन मुख्यालय भेजा प्रस्ताव, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: शहर में ई-रिक्शाओं की तेजी से बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए अब परिवहन विभाग गंभीर हो गया है. ई-रिक्शाओं की संख्या को सीमित करने के लिए जयपुर आरटीओ प्रथम राजेंद्र सिंह शेखावत ने परिवहन मुख्यालय को महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव भेजा है. RTO की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में यह सुझाव दिया गया है कि एक व्यक्ति के नाम पर एक से अधिक ई-रिक्शा का पंजीकरण नहीं हो सके, इसके लिए विभागीय सॉफ्टवेयर में ही स्थायी चेक बैरियर का प्रावधान किया जाए. दरअसल, भारत सरकार की स्वरोजगार योजना के तहत ई-रिक्शा योजना की शुरुआत की गई थी ताकि आम नागरिकों को रोजगार के अवसर मिल सकें. 

योजना के स्पष्ट निर्देशों के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के नाम पर केवल एक ई-रिक्शा का पंजीकरण किया जा सकता है. इसका उद्देश्य था-स्वरोजगार को बढ़ावा देना, न कि व्यावसायिक शृंखला बनाना, लेकिन विभागीय स्तर पर सॉफ्टवेयर में कोई स्वचालित नियंत्रण व्यवस्था नहीं होने के कारण कई लोगों ने एक से अधिक ई-रिक्शाओं का पंजीकरण करवा लिया. नतीजतन, अब राजधानी जयपुर समेत कई जिलों में डबल रजिस्ट्रेशन की समस्या सामने आ रही है. परिवहन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, ऐसे हजारों मामले सामने आ सकते हैं जिनमें एक ही व्यक्ति के नाम पर दो या अधिक ई-रिक्शा पंजीकृत हैं.

आरटीओ प्रथम कार्यालय में फिलहाल इस गड़बड़ी को पहचानने के लिए एक गूगल शीट तैयार की जा रही है, जिसमें सभी पंजीकृत ई-रिक्शाओं और उनके मालिकों के विवरण को संधारित किया जा रहा है. इस सूची के माध्यम से दोहराए गए पंजीकरणों की पहचान की जाएगी. हालांकि, अधिकारी मानते हैं कि यह एक अस्थायी समाधान है और वास्तविक नियंत्रण तब ही संभव होगा जब सॉफ्टवेयर में इस तरह का चेक बैरियर शामिल किया जाए.

आरटीओ प्रथम राजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने प्रस्ताव में सुझाव दिया है कि पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान जनाधार कार्ड को अनिवार्य किया जाए. जनाधार के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति की यूनिक पहचान सुनिश्चित हो सकेगी और इस आधार पर सिस्टम स्वतः ही यह जांच सकेगा कि संबंधित व्यक्ति के नाम पर पहले से कोई ई-रिक्शा पंजीकृत है या नहीं.शेखावत ने यह भी लिखा है कि यदि यह व्यवस्था लागू होती है तो न केवल ई-रिक्शाओं की अनियंत्रित वृद्धि पर रोक लगेगी, बल्कि योजना का मूल उद्देश्य - स्वरोजगार को प्रोत्साहन -भी सही रूप में साकार हो सकेगा. अगर यह प्रावधान लागू होता है, तो यह जयपुर सहित पूरे प्रदेश में ई-रिक्शा पंजीकरण व्यवस्था में एक बड़ा सुधार साबित हो सकता है.