जयपुर: अन्नदाता को कृषि उपज के दौरान प्राकृतिक आपदा और अन्य तरीके से नुकसान न हो, इसके लिए संरक्षित खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. राज्य सरकार के कृषि विभाग और उद्यानिकी विभाग की ओर से इसके प्रयास किए जा रहे हैं. जल संरक्षण, कम क्षेत्र में अधिक उपज और कई अन्य फायदे देखने को मिल रहे हैं संरक्षित खेती में. खेती को प्राकृतिक प्रकोपों और अन्य समस्याओं से बचाने के लिए राज्य सरकार की ओर से विशेष कवायद की जा रही है. जल संरक्षण के साथ ही आपदा से बचाव के लिए किसानों को अपने खेतों में ग्रीन हाउस तथा शेडनेट हाउस लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. खास बात यह है कि इसमें 95 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है.
राज्य सरकार की इस संवेदनशील पहल से किसान अधिक से अधिक संरक्षित खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं. किसान बागवानी फसलों के लिए ग्रीन हाउस और शेडनेट में खेती कर रहे हैं. ग्रीनहाउस बहुत अधिक गर्मी या सर्दी से फसलों की रक्षा करते हैं. ओलावृष्टि और अतिवृष्टि के दौरान पौधों को नुकसान नहीं पहुंचता. साथ ही फसलों में नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को भी अंदर प्रवेश नहीं मिलता. प्रकाश, तापमान एवं पोषक तत्व नियंत्रित मात्रा में मिलने की वजह से खराब मौसम होने पर भी नुकसान नहीं होता. इस तकनीक से गैर-मौसमी फसलें उगाने में भी मदद मिलती है, जिनका बाजार में किसान को अच्छा मूल्य मिलता है. ग्रीन हाउस संरचना में बरसात के पानी को एकत्रित कर इसे ड्रिप संयंत्र से सिंचाई की जाती है.
गहलोत सरकार ने कितनी मदद की किसानों की ?:
- पिछले 4 वर्षों में 38.17 लाख वर्गमीटर क्षेत्र में ग्रीन हाउस-शेडनेट लगाए गए
- 34.10 लाख वर्गमीटर में ग्रीन हाउस और 4.06 लाख वर्गमीटर में शेडनेट लगाए
- इस वर्ष 36 लाख वर्ग मीटर ग्रीन हाउस लगाने के लिए अनुदान मिलेगा
- 10 लाख वर्ग मीटर शेडनेट हाउस स्थापित करने का लक्ष्य है
- वित्त वर्ष में 30 हजार किसानों को 501 करोड़ का अनुदान दिया जाएगा
- 2 वर्षों में करीब 60 हजार किसानों को एक हजार करोड़ का अनुदान प्रस्तावित
उद्यानिकी विभाग के संयुक्त निदेशक बीआर कड़वा ने बताया कि ग्रीन हाउस एवं शेडनेट हाउस के निर्माण पर सामान्य किसानों को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. प्रदेश के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के किसानों को 70 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है. इस वर्ष की बजट घोषणा में अनुदान की राशि बढ़ाते हुए अधिसूचित जनजाति क्षेत्र के सभी कृषकों तथा प्रदेश के समस्त लघु, सीमांत कृषकों को 95 प्रतिशत तक का अनुदान दिए जाने का प्रावधान किया गया है.
4 हजार वर्ग मीटर तक क्षेत्र के लिए अनुदान:
- किसानों को 500 वर्ग मीटर में ग्रीन हाउस लगाने के लिए 1060 रुपये प्रति वर्ग मीटर
- 500 से 1008 वर्ग मीटर के लिए 935 रुपए प्रति वर्ग मीटर
- 1008 से 2080 वर्ग मीटर के लिए 890 रुपए और
- 2080 से 4000 वर्ग मीटर पर 844 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से मिलता अनुदान
- पात्रतानुसार 50, 70 अथवा 95 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा
- शेडनेट हाउस लगाने के लिए एक हजार से 4 हजार वर्ग मीटर पर अनुदान
- शेडनेट के लिए 710 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से दिया जा रहा अनुदान
ग्रीन हाउस या शेडनेट हाउस लगाने के लिए किसान राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. वेबसाइट पर किसानों को नक्शा, भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र और मिट्टी एवं पानी की जांच रिपोर्ट के साथ जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे. इसके बाद पात्रता तय करने के बाद उद्यानिकी विभाग की ओर से अनुदान मिल सकेगा.