जयपुर: गुलाब चंद कटारिया ने आज राजस्थान विधानसभा सदस्य की सदस्यता से इस्तीफा दिया है. गुलाबचंद कटारिया का राजस्थान विधानसभा में विदाई समारोह आयोजित हुआ. असम का राज्यपाल बनने पर गुलाबचंद कटारिया को राजस्थान विधानसभा से विदाई दी गई. गुलाब चंद कटारिया ने विधानसभा में भावुक होते हुए सीएम गहलोत की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि मैं राजस्थान का हूं, आपका हूं. जहां भी जाउंगा राजस्थान का मान एवं सम्मान रखूंगा. राजस्थान में यह संदेश कभी नहीं आएगा कि मेरे आचरण से मेरे प्रदेश का मान-सम्मान घटा. मेरे आचरण से राजस्थान की कीर्ति को बरकरार रखूंगा.
समारोह में गुलाबचंद कटारिया ने स्पीकर सीपी जोशी का आभार जताते हुए कहा कि आपका अहसान मैं कभी नहीं चुका पाऊंगा. जनता के प्रति समर्पण ही हमारी कमाई है. हम जनता के अधिकारी नहीं, सेवक हैं. मैं एक बहुत ही सामान्य परिवार से आया हूं. हम जनप्रतिनिधि हैं, हमें भेदभाव नहीं करना चाहिए. राजस्थान का मान, सम्मान और गौरव नहीं गिरेगा. मैं राजस्थान के विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहूंगा. राजस्थान का उत्थान मेरा उत्थान है.
गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि अभाव से जो व्यक्ति निकलता है वो सफल होता है. वो अभाव उसका आभूषण बन जाता है. विधायक बन आए हो तो जनता की वजह से. उनके अधिकारी मत बनो. सदन में बैठे सीखे, याद रहे आप यहां मस्ती करने नहीं आए हो. उन्होंने ने कहा कि जो जैसा मन से सोचता है वैसे ही सोचता है. मैं हमेशा ही जो बोलता हूं सच्चाई बोलता हूं. मेरी सदन में धारीवाल साहब से भी उठापटक हुई. मैं एक सामान्यप्राणी व्यक्ति हूं. मैं भैंरोसिंह के बताए मार्ग पर चलता रहा. जनता ही हमारा मान और सम्मान बढ़ाती है. तो जनता के प्रति हमारा समर्पण भी रहना चाहिए और हमें पूरी ईमानदारी के साथ प्रतिनिधित्व करना चाहिए. इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कटारिया का अभिनंदन किया. शॉल ओढ़ाकर और साफा पहनाकर सम्मानित किया. स्पीकर सीपी जोशी ने कटारिया को स्मृति चिह्न भेंट किया.