ना भुलाए जाने वाली हस्ती इरफान खान की तीसरी पुण्यतिथि पर फिल्म जगत ने उन्हें किया याद

ना भुलाए जाने वाली हस्ती इरफान खान की तीसरी पुण्यतिथि पर फिल्म जगत ने उन्हें किया याद

मुंबई: अभिनेता इरफान खान की तीसरी पुण्यतिथि पर फिल्म जगत के लोगों ने उन्हें याद किया. भारत के बेहतरीन अभिनेताओं में से एक माने जाने वाले इरफान खान का 54 वर्ष की उम्र में 29 अप्रैल 2020 को कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया था. उन्होंने "लाइफ ऑफ पाई" और "द नेमसेक" जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से एक छाप छोड़ी.

फिल्म 'पीकू' के निर्देशक शूजीत सरकार ने बताया कि उन्होंने हाल ही में इरफान खान को सपने में देखा था. सरकार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, "वह (इरफान) रोजमर्रा की जिंदगी में जिंदा है. 'मुझे उसके साथ बैठना और बस बातें करना' इन सब चीजों की याद आती है. हम अध्यात्मवाद, खगोल-भौतिकी, जीवन आदि के बारे में बात करते थे. कभी-कभी वह मेरे दफ्तर में आकर कहते थे, 'चलो झाल मूढ़ी खाते हैं और चाय पीते हैं.

दिमाग में सबसे पहला नाम इरफान खान का ही आता: 
उन्होंने कहा कि इरफान एक ऐसे व्यक्ति थे जिनसे वह फिल्मों और बॉक्स ऑफिस से परे जुड़े थे. उन्होंने कहा कि मैं अब जो भी फिल्म कर रहा हूं, उसमें मुझे उनकी कमी खलती है.
'हासिल' (2003), 'पान सिंह तोमर' और 'साहेब बीबी और गैंगस्टर' जैसी बेहतरीन फिल्में बनाने वाले निर्देशक तिग्मांशु धूलिया ने कहा कि जब वह किसी नयी योजना पर काम कर रहे होते हैं तो उनके दिमाग में सबसे पहला नाम इरफान खान का ही आता है. फिल्म पान सिंह तोमर के लिए इरफान खान को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

ऐसे अभिनेता थे जिनके लिए किरदार लिखना मजेदार था: 
उन्होंने कहा कि अगर मुझे कुछ महत्वाकांक्षी करना है तो मैं इसे कभी नहीं कर पाऊंगा क्योंकि वह (इरफान) हमारे साथ नहीं हैं. वह एक ऐसे अभिनेता थे जिनके लिए किरदार लिखना मजेदार था. एक कलाकार के तौर पर वह मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे. जब से वह गए हैं मैं थम सा गया हूं. इरफान खान की आखिरी फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' के निर्देशक होमी अदजानिया ने कहा कि इरफान ने उन्हें हर पल संजोना सिखाया. सोर्स-भाषा