जयपुर: भजनलाल सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट PKC-ERCP के पहले चरण का काम तेजी से चल रहा है. प्रोजेक्ट के लिए टोंक जिले में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया से पहले सोशल इंपैक्ट असेसमेंट चल रहा है और पंचायत स्तर पर लोगों को जानकारी दी जा रही है कि ईआरसीपी प्रोजेक्ट कितना महत्वपूर्ण रहेगा और पानी के साथ लोगों के दिन भी फिरेंगे. टोंक जिले में क्या बनेगा और कितने गांवों में भूमि अधिग्रहण होगा.
रामगढ़ एवं महलपुर बैराज और नौनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक परियोजना के लिए राज्य सरकार ने 9 हजार 600 करोड़ के वर्क आर्डर जारी कर दिए हैं और ठेका कम्पनी ने जमीन पर काम शुरू कर दिया है. साउथ की ठेका कंपनी टोंक में जयपुर की एक कंपनी के माध्यम से सोशल इंपैक्ट असेसमेंट करवा रही है. बताया जा रहा है कि पहले चरण के एलाइनमेंट में 75 गांवों की करीब 1500 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा. इसके चलते सामाजिक समाधात रिपोर्ट तैयार की जा रही है. इसी माह जनसुनवाई भी शुरू होगी.
भजनलाल सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट PKC_ERCP का पहला चरण
-परियोजना के लिए टोंक जिले के 75 गांव में भूमि का होना है अधिग्रहण
-टोंक जिले में परियोजना के एलाइनमेंट के लिए करीब 1500 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण होगा
-मेज पंप हाउस से गलवा बांध तक होना है फीडर निर्माण
-गलवा बांध से ईसरदा बांध तक होना है फीडर निर्माण
-गलवा बांध से बीसलपुर बांध तक होना है फीडर निर्माण
-टोंक जिले की ग्राम पंचायतों में जाकर की जा रही मीटिंग
-मीटिंग के आधार पर मौके पर तैयार की जा रही है विस्तृत रिपोर्ट
-इसी माह खत्म हो जाएगा सोशल इंपैक्ट असेसमेंट सर्वे का काम
-जल संसाधन विभाग की माने तो अगस्त के दूसरे सप्ताह के बाद शुरू हो जाएगी जनसुनवाई
-टोंक जिले में सर्वे कंपनी की दो टीमें कर रही है सर्वे का काम
-परियोजना का वर्क आर्डर लेने वाली कंपनी ने जयपुर की कंपनी को दिया है सर्वे का काम
चार साल में पूरा होगा ERCP का पहला चरण
पहले चरण के लिए 9 हजार 600 करोड़ के वर्क आर्डर जारी
बीसलपुर और ईसरदा में पेयजल प्रबंधन के लिए होगा यह चरण
साउथ की कम्पनी को मिला वर्क आर्डर
हेम मॉडल पर होगा ERCP का पहला चरण
वाटर रिर्सोसेज में देश का पहला मॉडल होगा
रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नौनेरा में नहरी तंत्र और पम्पिंग स्टेशन,
मेज नदी पर पम्पिंग स्टेशन और ढाई किलोमीटर लंबी टनल होगी तैयार
इंद्रगढ़ की पहाड़ियों के पीछे दो चरण में बनाई जाएगी टनल
12 मीटर चौड़ा होगा टनल का घेरा
गलवा बांध से ईसरदा तक 30 किलोमीटर और
गलवा बांध से बीसलपुर तक 60 किमी. लंबी नहर डाली जाएगी
वर्ष 2028 में बीसलपुर और ईसरदा को मिलेगा चंबल का पानी
बीसलपुर को 11.2 TMC पानी दिया जा सकेगा
जबकि ईसरदा को 10.5 TMC पानी दिया जाएगा
करीब 200 किलोमीटर का होगा नहरी तंत्र
ईआरसीपी के पहले चरण में बीसलपुर और ईसरदा में पेयजल प्रबंधन का काम करना है. चार साल के भीतर प्रोजेक्ट पूरा होगा और बीसलपुर व ईसरदा में चंबल के पानी की आवक शुरू हो जाएगी. इसके चलते भजनलाल सरकार तेजी से काम करवा रही है. अभी सोशल एंपैक्ट असेसमेंट किया जा रहा है और जल्द ही भूमि अधिग्रहण भी शुरू किया जा सकेगा. तीन जगह फीडर सिस्टम बनेगा ताकि पानी को ईसरदा और बीसलपुर बांध तक पहुंचाया जा सके. देखने वाली बात यह है कि काम इसी स्पीड से हुआ तो निश्चित तौर पर भजनलाल सरकार के कार्यकाल में पहले चरण की सौगात जनता को मिल सकेगी.