Modi-Biden वार्ता में व्यापक महत्व के पांच महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगी चर्चा- भारतीय राजदूत संधू

वाशिंगटन: अमेरिका में नियुक्त भारत के राजदूत ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की अगले हफ्ते होने वाली बैठक में पांच व्यापक महत्व के क्षेत्रों--स्वास्थ्य देखभाल, प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा और रक्षा--पर चर्चा होने की उम्मीद है, जो संयुक्त बयान में प्रदर्शित होगा. भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा से एक दिन पहले आई है.

मोदी 20 जून को न्यूयॉर्क पहुंचेंगे और 21 जून को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोहों का नेतृत्व करेंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री वाशिंगटन डीसी जाएंगे, जहां उनकी अगवानी राष्ट्रपति बाइडन और प्रथम महिला (उनकी पत्नी) जिल बाइडन करेंगी. वहां मोदी अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे और ऐतिहासिक रात्रिभोज में शामिल होंगे. संधू ने कहा, इस साल की शुरूआत में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों अजीत डोभाल और जेक सुविलन ने महत्वपूर्ण व उभरती प्रौद्योगिकियों पर एक पहल की शुरूआत की. सुविलन, डोभाल के साथ वार्ता के लिए भारत आये थे. 

भारत में हमारी एक नयी शिक्षा नीति- संधू
भारतीय राजदूत ने कहा, प्रौद्योगिकी का न केवल एक वाणिज्यिक पहलू है बल्कि यह एक बहुत मजबूत रणनीतिक पक्ष भी है. प्रौद्योगिकी साझा करने के लिए विश्वास महत्वपूर्ण आधार है. प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान चर्चा किये जाने वाले पांच बड़े मुद्दों में स्वास्थ्य देखभाल, प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा और रक्षा शामिल हैं. उन्होंने कहा, वहनीय स्वास्थ्य देखभाल सुविधा, वहनीय दवाइयां, वहनीय टीके, और प्रशिक्षण, शोध आदि इसका हिस्सा होंगे. दूसरे स्थान पर प्रौद्योगिकी है जो आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी), डिजिटल स्टार्टअप नवाचार है. ये सभी एक समूह में हैं. 

संधू ने एक सवाल के जवाब में कहा, इसके बाद नवीकरणीय समूह है, जिसमें सौर और हाइड्रोजन (ऊर्जा) शामिल है. उन्होंने शिक्षा के विषय पर कहा, भारत में, हमारी एक नयी शिक्षा नीति है. बेशक, यहां मैं यह उल्लेख करना चाहूंगा कि अभी दो लाख भारतीय छात्र (अमेरिका में) हैं. यह एक महत्वपूर्ण संबंध है. लेकिन नयी शिक्षा नीति के तहत संयुक्त डिग्री और शोध कार्य के लिए दोनों देशों के शिक्षण संस्थानों के बीच संबंध स्थापित करने की दिशा में बढ़ा जा रहा. 

संधू ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अमेरिका के कई कुलपतियों और शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों से बात की है. उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में अमेरिका एक प्रौद्योगिकी महाशक्ति है और भारत उभरती प्रौद्योगिकी वाला देश है. इसलिए, यह समन्वय संपर्क स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि संबंध अब नयी ऊंचाइयों को छूने जा रहे हैं और यात्रा के कई पहलू हैं, जो उस ओर इंगित करते हैं. संधू ने कहा, यह (यात्रा) दोनों नेताओं को एकसाथ समय बिताने और परस्पर हित के कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी. 

उन्होंने कहा, आप कई क्षेत्रों में यह देखेंगे कि काफी सहयोग हो रहा है, साथ मिल कर काम किया जा रहा, और इसका ना सिर्फ अमेरिका और भारत पर, बल्कि कई तीसरे देशों पर भी प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि दोनों नेताओं के बीच एक मजबूत संबंध है और इस दौरान वे कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे. संधू ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में अमेरिका और भारत साझेदारी कर सकते हैं. उदाहरण के लिए कोरबेवैक्स नाम का एक टीका है, जिसे बेयलर कॉलेज ने विकसित किया है लेकिन इसका भारी मात्रा में उत्पादन भारतीय जैवप्रौद्योगिकी एवं बायोफार्मास्यूटिकल कंपनी बीआईओई कर रही है.

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने कई बार अमेरिका का दौरा किया है और उनकी हर यात्रा एक अलग तरह की यात्रा रही है. प्रत्येक यात्रा में हमेशा कुछ न कुछ नया पहलू रहा है. लेकिन यह एक (आधिकारिक) राजकीय यात्रा है और इसके अपने विशेष मायने हैं. सोर्स भाषा