हिमाचल में बाढ़ और भूस्खलन, चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग अवरूद्ध होने से फंसे सैकड़ों लोग

शिमला/मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के औट में भीषण बारिश से अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग अवरुद्ध होने से यहां सैकड़ों यात्री फंस गए. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.उन्होंने कहा कि 70 किलोमीटर लंबा मंडी-पंडोह-कुल्लू मार्ग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.राज्य में भारी बारिश के कारण कुल 301 मार्ग बंद हैं जबकि बिजली के 140 ट्रांसफार्मर खराब हैं. भारी बारिश के कारण मंडी शहर से 40 किलोमीटर दूर औट के करीब खोतीनाला में पंडोह-कुल्लू मार्ग पर अचानक बाढ़ आ गई. बाढ़ के कारण यात्री रविवार शाम से फंसे हुए हैं.

मंडी प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा भूस्खलन से बंद, कतौला से होता हुआ मंडी-कुल्लू वैकल्पिक मार्ग करीब 20 घंटे बाद खुला. छोटे वाहनों को अब इस रास्ते से निकाला जा रहा है.अधिकारियों ने कहा कि भूस्खलन से करीब छह मील तक मंडी-पंडोह मार्ग अवरुद्ध रहा. मरम्मत का कार्य जारी है और मार्ग से बड़े पत्थरों को हटाने के लिए विस्फोटकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक ओर का मार्ग करीब एक या दो घंटे में बहाल हो जाएगा.

हालांकि, दोबारा से बारिश शुरु हो गयी है और जिले के अन्य स्थानों से भूस्खलन की खबरें आ रही हैं.अधिकारियों ने कहा कि यात्रियों को सलाह दी जाती है कि सड़क खुलने से पहले मंडी की ओर यात्रा ना करें.चंडीगढ़ से आए एक पर्यटक मोहित ने कहा,'यह एक बुरे सपने जैसा अनुभव है. हम बीती शाम से फंसे हुए हैं और आसपास रुकने के लिए बहुत ज्यादा होटल और आदि नहीं हैं.उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन ने कई बिंदुओं पर यातायात को रोक दिया है लेकिन इसके बावजूद दोनों तरफ करीब दो किलोमीटर लंबा जाम है.

मंडी से चंडीगढ़ की ओर लौट रहे एक यात्री प्रशांत ने कहा कि हम रविवार शाम से ही यहां फंसे हुए हैं. सड़क बंद होने से जाम लग गया है और औट एवं सिक्स माइल की सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में वाहन फंसे हुए हैं.लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भारी बारिश के कारण 301 मार्ग अवरुद्ध हैं.सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि इन मार्गों में से 180 मार्गों को सोमवार तक बहाल कर दिया जाएगा, मंगलवार तक 15 मार्ग खुल जाएंगे और मौसम के हालात को देखते हुए 30 जून तक सभी मार्गों के खुलने की संभावना है.

उन्होंने कहा कि मार्गों को बहाल करने के लिए करीब 390 जेसीबी और अन्य उपकरण तैनात किए गए हैं और विभाग एक नंबर जारी करेगा जिस पर लोग आज शाम तक सड़क से संबंधित मुद्दों की रिपोर्ट कर सकते हैं.राज्य में लगभग 30 सड़कों के हिस्से ऐसे हैं जहां लगातार भूस्खलन होता रहता है. 24 जून से शुरू हुए मानसून के मौसम के दौरान पीडब्ल्यूडी को करीब 27 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.रविवार को सोलन और हमीरपुर जिले में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ और शिमला, मंडी तथा कुल्लू में भारी बारिश से दो लोगों की मौत हो गई, फसलें नष्ट हो गई, घर तथा वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और मवेशी बह गए.

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, हमीरपुर और शिमला जिलों में दो व्यक्ति डूब गए. बारिश से 11 घरों और कई वाहनों के साथ-साथ चार गौशालाओं को भी नुकसान पहुंचा है.राज्य के कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिले के विभिन्न हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई है.कांगड़ा के धर्मशाला में सबसे अधिक 106.6 मिलीमीटर बारिश हुई. इसके बाद कतौला में 74.5 मिलीमीटर, गोहर में 67 मिलीमीटर, मंडी में 56.4 मिलीमीटर, पोंटा साहिब में 43 मिलीमीटर और पालमपुर में 32.2 मिलीमीटर बारिश हुई. स्थानीय मौसम विभाग ने 27 और 28 जून को अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश, आंधी और बिजली गिरने की आशंका के चलते अलर्ट जारी किया है. सोर्स भाषा