‘लोक कल्याणकारी’ और देश के विकास के प्रति समर्पित ‘दूरदर्शी’ बजट- जे पी नड्डा

नई दिल्ली:  भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बुधवार को संसद में पेश केंद्रीय बजट 2023-24 को ‘‘लोक कल्याणकारी’’ और देश के विकास के प्रति समर्पित ‘‘दूरदर्शी’’ बजट बताया और कहा कि यह गांव, गरीबों और किसानों को सशक्त व सक्षम बनाएगा. बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा अध्यक्ष ने एक बयान में कहा कि यह बजट आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों, दिव्यांगजनों, आर्थिक रूप से पिछड़े तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सशक्त और सक्षम बनाने वाला बजट है.

उन्होंने कहा कि यह ग्राम विकास, कृषि विकास, श्रमिक कल्याण, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित पूरे देश के समग्र विकास को समर्पित बजट है. नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह देश के नागरिकों को सामाजिक न्याय, समानता, सम्मान और समान अवसर उपलब्ध कराने वाला बजट है. उन्होंने कहा कि यह बच्चों की पढाई, मध्यम वर्ग की कमाई और बुजुर्गों की भलाई पर बल देने वाला बजट है. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि नागरिकों के लिए बड़े अवसर उपलब्ध कराना, विकास और रोजगार सृजन को मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करना और व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करना इस बजट का एजेंडा है. बजट में सप्तर्षि प्राथमिकताओं की घोषणा का उल्लेख करते हुए नड्डा ने कहा कि यह महज वर्ष 2023-24 के विकास का एजेंडा नहीं है, बल्कि देश के लिए विकसित अर्थव्यवस्था की बुनियाद रखने वाला ब्लू प्रिंट है. उन्होंने कहा कि इस बजट के माध्यम से टैक्स में छूट देकर प्रधानमंत्री ने मध्यम वर्ग के नौकरीपेशा लोगों को ऐतिहासिक तोहफा दिया है.

उन्होंने कहा कि पिछड़े आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएम-विकास योजना शुरू किया जाना मोदी सरकार की आदिवासी विकास के प्रति गंभीरता को दिखाता है. भाजपा अध्यक्ष ने बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किए जाने और अगले तीन सालों में 740 एकलव्य स्कूलों के लिए 38, 800 शिक्षक और कर्मचारी नियुक्त किए जाने के निर्णय का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर, यह बजट आजादी के 100 साल बाद भारत की परिकल्पना का बजट है. इस बजट में किसान, मध्य वर्ग, महिला से लेकर समाज के सभी वर्ग के विकास की रूपरेखा है. नड्डा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है. सोर्स- भाषा