नई दिल्ली : मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में बुधवार को शुरू हुई जी20 रोजगार कार्य समूह की तीन दिवसीय बैठक 'जीरो वेस्ट' कार्यक्रम होने जा रही है, जिसमें प्लास्टिक की बोतलों की अनुमति नहीं होगी और पुन: प्रयोज्य कागज के लेखन पैड का उपयोग किया जाएगा. उल्लेखनीय रूप से, इंदौर को पिछले छह वर्षों से केंद्र सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षणों में भारत के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में स्थान दिया गया है.
जी20 बैठक का उद्देश्य श्रमिकों के लिए श्रम, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में मौजूदा वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजना है. बैठक स्थल पर इसे "पूरी तरह से जीरो वेस्ट कार्यक्रम" घोषित करते हुए साइनबोर्ड लगाए गए हैं.
3आर का करना होगा पालन:
इंदौर नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा कि जी20 बैठक को जीरो वेस्ट कार्यक्रम में बदलने के लिए, उन्होंने उसी '3आर' (कम करें, पुन: उपयोग और रीसायकल करें) अवधारणा पर भरोसा किया, जिसने इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर बना दिया है. प्रतिनिधियों को बैठक स्थल के साथ-साथ उनके होटल के कमरों में प्लास्टिक की बोतलों के बजाय कांच की बोतलें प्रदान की गई हैं.
गीले कचरे का बनाएंगे मौके पर ही खाद:
सभा स्थल पर बचे भोजन एवं अन्य गीले कचरे का उपयोग मोबाइल कम्पोस्ट वैन में मौके पर ही खाद बनाने में किया जाएगा. एक अधिकारी ने कहा, पर्यावरण के अनुकूल और पुन: प्रयोज्य सामग्रियों का अधिकतम उपयोग करने का प्रयास किया गया है.
2 दिनों तक चलेगी बैठक:
रोजगार कार्य समूह की चौथी और अंतिम बैठक दो दिनों तक चलेगी. भारत के श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव और उनके समकक्षों की अध्यक्षता में गुरुवार और शुक्रवार को जी20 समूह देशों की बैठक होगी. जी20 के 20 देशों और नौ आमंत्रित देशों के प्रतिनिधियों और श्रम, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा के वैश्विक संगठनों के शीर्ष अधिकारियों सहित 165 अतिथि विभिन्न सत्रों में भाग लेंगे.