भारत की अध्यक्षता में G20 के परिणाम अप्रत्याशित होंगे- Harsh Vardhan Shringla

न्यूयार्क: शीर्ष राजयनिक हर्ष श्रृंगला ने कहा है कि भारत की अध्यक्षता में जी20 के परिणाम अप्रत्याशित होंगे क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत को एक ऐसे देश के रूप में देखता है जो वर्तमान वैश्विक समस्याओं का समाधान प्रदान करने की चुनौती पर खरा उतरने की स्थिति में है.

भारत की जी20 अध्यक्षता के मुख्य समन्वयक और पूर्व विदेश सचिव श्रृंगला ने यहां कहा कि जी20 सबसे अधिक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है जिसकी भारत ने अपनी आजादी के बाद से मेजबानी की है.

भारतीय समुदाय के विशिष्ट सदस्यों को संबोधित किया:
उन्होंने मंगलवार को यहां अपनी बायोग्राफी ‘नॉट एन एक्सिडेंटल राइज़’ के विमोचन के मौके पर भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों एवं प्रवासी भारतीय समुदाय के विशिष्ट सदस्यों को संबोधित किया. जयपुर फुट यूएसए द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत केनेथ जस्टर और न्यूयार्क में भारतीय महावाणिज्य दूत रणधीर जायसवाल गणमान्य अतिथियों में शामिल थे. जयपुर फुट यूएसए भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (बीएमवीएसएस) की सहायक कंपनी है.

अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे: 
भारत ने पिछले साल एक दिसंबर को सालभर के लिए जी 20 की अध्यक्षता संभाली और वह देश के विभिन्न शहरों में उससे संबंधित 200 से अधिक बैठकों तथा विभिन्न कार्यक्रमों की मेजबानी कर रहा है. इन सभी कार्यक्रमों की अंतिम परिणति सितंबर में नयी दिल्ली में वैश्विक ‘‘लीडर्स समिट’’ के रूप में होगी जिसमें 40 से अधिक देशों के प्रमुख, सरकारों के प्रमुख और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. श्रृंगला ने कहा कि मुझे कोई शक नहीं है कि जिस सम्मेलन की भारत मेजबानी करेगा, वह, और हम जी20 के जो नतीजे देंगे, दोनों ही अप्रत्याशित होंगे. उन्होंने कहा कि दुनिया एक मुश्किल दौर से जूझ रही है जहां अनिश्चितता ही एकमात्र निश्चित बात है.

प्रदान करने की चुनौती पर खरा उतर सकता है: 
उन्होंने कहा किअंतरराष्ट्रीय समुदाय में हमारे कई साझेदार महसूस करते हैं कि यदि कोई ऐसा देश है जो आज सामने उभरकर सामने आयीं वैश्विक स्थितियों का हल प्रदान करने की चुनौती पर खरा उतर सकता है तो वह भारत है. श्रृंगला ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय खासकर वैश्विक दक्षिण (ग्लोबल साउथ) की आकांक्षाओं को पूर्णरूपेण पूरा करेगा कि जिसका हम हिस्सा हैं और जिसकी हम आवाज उठाते रहे हैं. सोर्स-भाषा