जी20 सम्मेलन भारत के लिए अपनी क्षमताओं के प्रदर्शन का ‘शानदार अवसर’- पीयूष गोयल

जी20 सम्मेलन भारत के लिए अपनी क्षमताओं के प्रदर्शन का ‘शानदार अवसर’- पीयूष गोयल

वाशिंगटन: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि अगला जी20 शिखर सम्मेलन भारत के लिए अपनी कई क्षमताओं को दिखाने और कई चुनौतियों का नेतृत्व करने का एक “बहुत बड़ा अवसर” प्रस्तुत करता है. गोयल आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका में हैं. उन्होंने बुधवार को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई के साथ भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच की बैठक की सह-अध्यक्षता की. 

उन्होंने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, जी20 भारत के लिए दुनिया के सामने कई चुनौतियों का नेतृत्व करने का एक बहुत ही रोमांचक अवसर होने जा रहा है. यह हमारे लिए भारत की कई क्षमताओं को प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर बनने जा रहा है. भारत ने एक दिसंबर को औपचारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की. राष्ट्र/सरकार के प्रमुखों के स्तर पर जी20 नेताओं का अगला शिखर सम्मेलन नौ और 10 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के विषय से प्रेरित होकर और आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और महामारी को सबसे बड़ी चुनौतियों के रूप में सूचीबद्ध करके एकता को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा, जिससे सबसे अच्छी तरह से एकजुट होकर लड़ा जा सकता है. गोयल ने कहा कि मोदी को दुनिया के “सबसे बड़े नेताओं” में से एक माना जाता है और वह कार्रवाई व समाधान में विश्वास करते हैं. 

उन्होंने कहा कि यदि आप याद करते हैं, जब (पूर्व अमेरिकी) उपराष्ट्रपति अल गोर असुविधाजनक सच्चाई के साथ सामने आए थे, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुविधाजनक कार्रवाई पर अपना स्वयं का पक्ष लेकर आए थे, क्योंकि वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो कार्रवाई में विश्वास करते हैं. सारा जीवन, वह एक ऐसे व्यक्ति रहे हैं जो समाधान में विश्वास करते हैं.” जी20 समूह दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है. इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं. साथ में वे वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 80 प्रतिशत, अंतरराष्ट्रीय व्यापार का 75 प्रतिशत और विश्व जनसंख्या का दो-तिहाई हिस्सा रखते हैं. सोर्स- भाषा